
Liver Tuberculosis Symptoms In Hindi: टीबी की बीमारी को लेकर लोगों में एक कंफ्यूजन काफी देखने को मिलती है। ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि टीबी हमारे फेफड़ों या पेट में ही होती है। जबकि ऐसा नहीं है। टीबी एक संक्रामक रोग है, जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है। टीबी के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं जैसे गले की टीबी, सिर में टीबी, हड्डियों की टीबी आदि। सभी के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। हालांकि कुछ-कुछ लक्षण सभी में काफी समान देखने को मिलते हैं जैसे सांस लेने में तकलीफ और खांसी। लेकिन क्या आप जानते हैं टीबी की समस्या आपके लिवर में भी हो सकती है? जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा!
लिवर की टीबी, जिसे मेडिकल भाषा हेपेटिक ट्यूबरक्लोसिस (Hepatic Tuberculosis) कहते हैं, टीबी के सबसे आम प्रकारों में से एक हैं। जो आपके लिवर को काफी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। यह आपकी लिवर फंक्शन को प्रभावित करता है और काफी जानलेवा भी हो सकता है। लेकिन शुरुआती स्टेज में इसके लक्षणों को पहचानकर आप आसानी से लिवर की टीबी से छुटकारा पा सकते हैं। लिवर में टीबी होने पर कौन-कौन से लक्षण दिखाई देते हैं, इस विषय बेहतर जानकारी के लिए हमने बाबू ईश्वर शरण सिंह हॉस्पिटल के डॉ. एस के सिंह से बात की। इस लेख में हम आपको लिवर में टीबी के 8 लक्षण और इलाज बता रहे हैं।
लिवर में टीबी के लक्षण- Liver tb symptoms in hindi
डॉ. एस. के. सिंह के अनुसार आमतौर पर टीबी होने पर लोगों खांसी, खांसी के बलगम, सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। लेकिन जब बात लिवर में टीबी के लक्षणों की आती है तो यह बहुत अलग होते हैं। इसके कुछ आम लक्षण हैं....
- लिवर का आकार बढ़ना
- पेट में दर्द की समस्या
- वजन लगातार कम होना
- तिल्ली का बढ़ना
- बुखार
- पीलिया
- सांस लेने में तकलीफ
- जलोदर
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अगर कोई व्यक्ति इस तरह के लक्षणों का अक्सर सामना करता है, तो ऐसे में उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जिससे कि किसी भी तरह के गंभीर नुकसान से बचा जा सके।
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लिवर में टीबी का इलाज- Treatment Of Liver TB In Hindi
उपरोक्त लक्षणों के आधार पर लिवर में टीबी की पुष्टि के लिए कुछ सरल टेस्ट का सुझाव दे सकता है। जिसमें कुछ ब्लड टेस्ट, इमेजिंग टेस्ट की मदद ली जा सकती है। पुष्टि के बाद डॉक्टर कुछ दवाएं, जीवन शैली बदलाव और संतुलित आहार लेने की सलाह दे सकते हैं। आमतौर पर टीबी के इलाज के लिए 6 महीने तक दवाएं दी जाती हैं। जिनमें कुछ एंटीबायोटिक्स और इम्यूनिटी बूस्ट करने वाली दवाएं भी शामिल होती हैं। हालांकि डॉक्टर स्थिति के अनुसार ही रोगी को दवाओं का सुझाव देता है। इसके अलावा गंभीर मामलों में कभी-कभी क्वाड्रुपली थेरेपी (Quadruple therapy) की मदद भी ली जाती है।
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