
What is Gland Tuberculosis in Hindi: टीबी एक संक्रामक बीमारी है और इसके बारे में जागरूकता की कमी के कारण लोग गंभीर रूप से इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से टीबी की बीमारी होती है। ज्यादातर लोगों को यह लगता है कि टीबी की बीमारी सिर्फ फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है। टीबी की बीमारी कई तरह की हो सकती है और यह समस्या शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है। टीबी शरीर के किसी भी अंग जैसे मुहं, लिवर, फेफड़े, गले और किडनी के अलावा हड्डियों में भी हो सकती है। इसी तरह की एक समस्या है ग्लैंड टीबी। ग्लैंड टी की समस्या में मरीज के गले में लिम्फ नोड्स या गांठ बनती है। यह एक तरह की एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस होती है। आइए विस्तार से जानते हैं ग्लैंड टीबी की समस्या के बारे में विस्तार से।
ग्लैंड टीबी क्या है?- What is Gland TB?
टीबी की गांठ बनने की समस्या को मेडिकल की भाषा में लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस कहा जाता है। इस बीमारी में माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया (Mycobacterium tuberculosis) का संक्रमण शरीर में होता है और इसकी वजह से टीबी की शुरुआत होती है। इसे क्रोनिक ग्रैनुलोमेटस संक्रमण भी कहा जाता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि ग्लैंड टीबी की समस्या ज्यादातर इम्यूनोसप्रेस्ड रोगियों में होती है। आमतौर पर यह समस्या टीबी की तरह ही होती है लेकिन इसमें मरीज के गले या प्रभावित जगह पर गांठ बन जाती है। टॉन्सिल्स की तरह से एक गांठ अप्राकृतिक रूप से विकसित होने लगती है।
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क्यों होती है ग्लैंड टीबी?- What Causes Gland TB?
टीबी या क्षय रोग की समस्या मुख्य रूप से माइकोबैक्टीरियम संक्रमण के कारण होती है। इस समस्या में मरीज के भीतर संक्रमण फैलते ही लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। इस तरह की टीबी को गले की टीबी, लिम्फ नोड टीबी और सरवाइकल ट्यूबरकुलस लिम्फैडेनाइटिस भी कहा जाता है। इस बीमारी में गले के नोड्स में इन्फेक्शन फैल जाता है जिसकी वजह से नोड्स और गले में सूजन पैदा हो जाती है। गले में टीबी का संक्रमण फैलने की सबसे बड़ी वजह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु को माना जाता है, इसके फैलने से गले में टीबी या स्क्रोफुला की समस्या होती है। आमतौर पर यह समस्या शरीर में संक्रमण फैलने या पहले से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से होती है।
ग्लैंड टीबी के लक्षण- What Are The Symptoms of Gland TB?
ग्लैंड टीबी की समस्या में शुरूआती लक्षण सामान्य टीबी के जैसे ही होते हैं। लेकिन जैसे यह बीमारी बढ़ने लगती है इसके लक्षण भी बढ़ने लगते हैं। जब यह समस्या ज्यादा दिनों तक रहती है तो मरीज के गले से मवाद और अन्य तरल पदार्थ भी निकल सकते हैं। गले में टीबी की समस्या होने पर मरीज में ये लक्षण प्रमुखता से दिखते हैं।
- बुखार
- नोड्स में सूजन
- गले में गांठ बनना
- बोलने में दिक्कत
- रात में पसीना होना
- अचानक वजन घटना
- खाने में दिक्कत होना
ग्लैंड टीबी से बचाव के टिप्स- Gland TB Prevention Tips in Hindi
इस बीमारी में इलाज कई महीनों तक चल सकता है। आमतौर पर मरीज को छह महीनों के लिए कई तरह की दवाएं और एंटीबायोटिक्स के सेवन की सलाह देते हैं। इस गंभीर बीमारी के लक्षण दिखने पर आपको जांच के बाद उचित इलाज लेना चाहिए। इस बीमारी के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क कर मरीज को जांच और इलाज लेना चाहिए। इस बीमारी में लापरवाही मरीज पर भारी पड़ सकती है।
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ग्लैंड टीबी से बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में जाने से बचना चाहिए और अगर जरूरी है तो मास्क लगाकर ही ऐसे व्यक्तियों के संपर्क में आना चाहिए। इसके अलावा पौष्टिक आहार और नियमित रूप से व्यायाम करने से आप बीमारियों से दूर रहेंगे। टीबी और कैंसर जैसी घातक बीमारियों से बचने के लिए तंबाकू, गुटका और शराब का सेवन करने से बचें।
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