हाइपोजेमिया एक ऐसी बीमारी है जो तब होती है जब शरीर में हवा का स्तर बहुत कम हो जाता है। सामान्य तौर पर एक व्यक्ति के शरीर में 95 प्रतिशत तक हवा रहती है। लेकिन जब इसकी कमी हो जाती है तो शरीर को ठीक तरह से काम करने में दिक्कत आती है। यही दिक्कत एक समय बाद हाइपोजेमिया का रूप ले लेती है। यह तो आपको पता ही होगा कि हमारे शरीर के सभी अंगों जैसे, मस्तिष्क, लिवर और किडनी आदि को काम करने के लिए आक्सीजन की जरूरत होती है। ऑक्सीजन की ये पूर्ति पूरे शरीर में खून के जरिये होती है। ऐसे में जब शरीर में गंभीर रुप से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तो उसे हाइपोजेमिया या हाइपोक्सिया कहते हैं। लेकिन कई बार शारीरिक कमी और कुछ बीमारियों के कारण शरीर के लिए जरूरी ऑक्सीजन का स्तर जरूरत से ज्यादा नीचे आ जाता है। इस स्थिति को हाइपोजेमिया या हाइपोक्सिया कहते हैं। इस स्थिति में कई बार सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से पढ़ते हैं।
शरीर में कितनी होनी चाहिए ऑक्सीजन
यह बात जानना भी बहुत जरूरी है कि आखिर व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कितना होना चाहिए। डॉक्टर्स का कहना है कि सामान्य तौर पर शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 95 से 100 प्रतिशत तक होना चाहिए। लेकिन यदि किसी कारणवश यह कम भी होता है तो 94 से 95 प्रतिशत तक हर हाल में होना चाहिए। इसके विपरित जब ऑक्सीजन का स्तर इससे नीचे हो जाता है तो उसे ऑक्सीजन की कमी माना जाता है। इसे हाइपोजेमिया रोग कहते हैं। अस्थमा जैसी बीमारी में ऑक्सीजन की कमी होने के खतरे ज्यादा होते हैं। ऐसे में ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि अस्थमा जैसी बीमारी को नियंत्रण में रखा जाए। इस बीमारी से बचने के लिए समय-समय पर शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की जांच करते रहें। ब्लड टेस्ट के जरिये ऑक्सीजन के स्तर की जांच की जा सकती है। इसके लिए किसी भी आर्टरी से रक्त का नमूना लेकर जांच हो सकती है। इसके अलावा ऑक्सीमीटर के जरिये भी शरीर में ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाया जा सकता है। इस तकनीक में एक छोटी सी क्लिप को ऊंगली पर लगाकर खून में ऑक्सीजन की मात्रा को छोटी सी स्क्रीन पर रखकर देखते हैं।
क्या हैं हाइपोजेमिया के कारण
वैसे तो हाइपोजेमिया के कोई विशेष कारण नहीं है। लेकिन बीमारीग्रस्त इंसान को होने की संभावना अधिक होती है। जिन लोगों को फेफड़ों के रोग जैसे अस्थमा, निमोनिया आदि बीमारियां होती हैं, उनको इस बीमारी का खतरा होता है। इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण शरीर में आयरन की कमी होती है।
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हाइपोजेमिया के लक्षण
- सीने में दर्द होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- त्वचा का नीला पड़ना
- बिना शारीरिक मेहनत के पसीना आना
- त्वचा की नमी खोना
क्या हैं इससे बचाव
- अपने घर में पेड़-पौधे जरूर लगायें जिससे हरियाली बनी रहे।
- पानी पर्याप्त मात्रा में पीयें, रोज 8 से 10 गिलास पानी पीयें।
- आयरन से भरपूर भोजन करें।
- कमरा बंद ना रखें, सबुह के समय खिड़कियां जरूर खोलें।
- रोजाना पांच से दस मिनट एक्सरसाइज जरूर करें।
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