कोरोनावायरस के साथ स्‍वाइन फ्लू का भी मंडरा रहा है खतरा, H1N1 से अब तक 28 मौतें

कोरोनावायरस ही नहीं बल्कि स्‍वाइन फ्लू भी एक गंभीर समस्‍या है। इस साल इससे 28 लोगों की मौत हो चुकी है। जानें इससे बचाव और लक्षण।

Atul Modi
Written by: Atul ModiUpdated at: Mar 17, 2020 11:06 IST
कोरोनावायरस के साथ स्‍वाइन फ्लू का भी मंडरा रहा है खतरा, H1N1 से अब तक 28 मौतें

मलेरिया और डेंगू दिवस 2023: बुखार के कारण, लक्षण और रोकथाम गाइड - Onlymyhealth

एक तरफ जहां देश में सारे तंत्र कोरोनावायरस से बचाव में लगे हैं वहीं दूसरी तरफ स्‍वाइन फ्लू भी अपने पांव पसारने लगा है। देशभर से स्‍वाइन फ्लू (एच1एन1) के नए मामले सामने आ रहे हैं। एच1एन1 के 6 मामले पटना में मिले हैं। पिछले एक महीने के दौरान नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल में स्‍वाइन फ्लू के 6 मामले सामने आए हैं। स्‍टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉक्‍टर रागिनी मिश्रा के मुताबिक, मरीजों में एच1एन1 के नमूनों का परीक्षण किया गया, परिणामों के आने के बाद मरीजों को आइसोलेशन में रखा गया है।

जबकि एम्‍स जयपुर भर्ती एक बुजुर्ग महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई है। खबरों के मुताबिक, पिछले 15 दिनों में स्‍वाइन फ्लू से होने वाली ये दूसरी मौत है। वहीं महाराष्‍ट्र में भी स्‍वाइन फ्लू का एक मामले की पुष्टि हुई है।

flu

स्‍वाइन फ्लू से हो चुकी है कई मौतें

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 में स्वाइन फ्लू का प्रकोप ज्‍यादा था। इस दौरान स्‍वाइन फ्लू से 2,270 लोगों की मौत हुई थी। 2018 में इस स्‍वाइन फ्लू से 1,128 और साल 2019 में 1,218 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसके अलावा, हर साल अधिक संख्‍या में लोग स्वाइन फ्लू से पीड़ित होते हैं। हालांकि, इसमें कमी भी आई है। वर्ष 2017 में स्वाइन फ्लू पीड़ितों की संख्या 38,811 थी, जो 2018 में घटकर 15,226 हो गई। लेकिन, वर्ष 2019 में एच1 एन1 पीड़ितों की संख्या में फिर बढ़ोत्‍तरी हुई और वह 28,798 पर पहुंच गई। इस साल एक मार्च तक 1,469 लोग स्वाइन फ्लू पीड़ित पाए गए हैं, जबकि 24 लोगों की मौत हुई है। ये रिपोर्ट दैनिक जागरण वेबसाइट ने प्रकाशित की है।

इसे भी पढ़ें: कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू में क्या है अंतर? कैसे एक जैसे होकर भी बिल्कुल अलग हैं ये इंफेक्शन

स्‍वाइन फ्लू से कैसे करें बचाव

स्वाइन फ्लू या एच1 एन1 को सीजनल एंफ्लूएंजा भी कहा जाता है। स्‍वाइन फ्लू का प्रकोप साल में दो बार, जनवरी से मार्च व जुलाई से सितंबर के बीच ज्यादा होता है। इसके लक्षणों में शामिल हैं: सरदर्द, शरीर मैं दर्द, ठंड लगना, थकान, खांसी, गले में खराश, बुखार, उल्टी और दस्त आदि। हालांकि संक्रमण के फैलाव को रोकने के साथ इससे बचाव किया जा सकता है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक: 

  • अगर किसी व्‍यक्ति में फ्लू के लक्षण है तो उसे लोगों से मिलना-जुलना कम करना चाहिए।
  • खांसने या झीकते समय रूमाल या टिश्‍यू पेपर का इस्‍तेमाल करें। साबुन और पानी से हाथों को धोएं। 
  • बार-बार आंख, नाक व मुंह को छूने से बचना चाहिए। 
  • भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें, अच्छी नींद जरूर लें।

Read More Articles On Health News In Hindi

Disclaimer