कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। फिलहाल इस वायरस से प्रभावित लोगों की संख्या 60,000 के पार पहुंच गई है और मरने वालों की संख्या 1300 के पार पहुंच गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था और हाल में ही उन्होंने इस वायरस को ऑफिशियल नाम COVID-19 दिया है। इसका अर्थ Coronavirus Disease 19 है। कोरोना वायरस दुनियाभर के 28 देशों में फैल चुका है। हालांकि सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति चीन में बनी हुई है, मगर भारत में इसके 3 कंफर्म मरीज और हजारों संगिग्ध मरीज पाए गए हैं। कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू लगभग एक सी बीमारियां हैं, फिर भी इनमें कई अंतर हैं।
क्या है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस ऐसे वायरसों की एक बड़ी फैमिली हैं, जो आपको बीमार बना सकते हैं। कई कोरोना वायरस ऐसे भी हैं, जो सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करते हैं और गंभीर नहीं होते हैं। मगर इस समय चीन और बाकी दुनिया में जिस वायरस ने तबाही मचाई है, वो कोरोना वायरस नया है। इसीलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले इसे नोवल कोरोना वायरस (2019-nCoV) नाम दिया था। लेकिन अब इसी संगठन ने इसका ऑफिशियल नाम COVID-19 दिया है। ये वायरस इससे पहले नहीं देखा गया था। इसकी शुरुआत चीन के वुहान से हुई है।
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कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू में अंतर
कोरोना वायरस के बारे में अभी बहुत साइंटिफिक जानकारियां नहीं उपलब्ध हैं, क्योंकि वैज्ञानिक अभी भी इसके बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल तक मौजूद जानकारी के अनुसार ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। और इसके लक्षण दिखने में 2 से 14 दिन का समय लगता है।
वहीं स्वाइन फ्लू यानी H1N1 फ्लू भी एक बहुत संक्रामक श्वसन का संक्रमण (रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) है, जिसका कारण एंफ्लुएंजा नामक वायर होता है। स्वाइन फ्लू के लक्षण आमतौर पर 4 दिन में दिखने लगते हैं। हालांकि स्वाइन फ्लू भी बहुत खतरनाक है और 2009 में पहली बार मैक्सिको में इसकी शुरुआत के बाद अब तक ये वायरस 74 देशों में पहुंच चुका है।
स्वाइन फ्लू और कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण लगभग एक से हैं इसलिए अगर किसी व्यक्ति को इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो उन्हें तुरंत जांच करानी चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए।
कोरोना वायरस के लक्षण
- बुखार
- खांसी
- सांस लेने में तकलीफ
- उल्टी
- नाक बहना
- गले में जलन और खराश
स्वाइन फ्लू के लक्षण
- तेज बुखार
- सिर दर्द
- गले में जलन और खराश
- ठंड लगना
- अंदर से बीमार महसूस करना
स्वाइन फ्लू का टीका है, मगर कोरोना वायरस का नहीं
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए वैक्सीन बाजार में मौजूद है, जिसे quadrivalent flu vaccine कहते हैं। जबकि कोरोना वायरस को रोकने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनाई जा सकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अभी तक की जानकारी के अनुसार इस वायरस को रोकने के लिए किसी तरह की प्राकृतिक चिकित्सा, वैकल्पिक चिकित्सा, दवा, वैक्सीन आदि कुछ भी कारगर नहीं है। इसलिए अगर आप कहीं पर भी इसके इलाज के बारे में कोई दावा पढ़ते हैं, तो इसके फेक होने की संभावना ज्यादा है।
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