जन्म के बाद शिशु को कपड़े में क्यों लपेटते हैं? जानें इसके फायदे और जरूरी सावधानियां

जन्म के तुरंत बाद बच्चे को कपड़े में क्यों लपेटा जाता है, इसके बारे में पता होना जरूरी है। साथ ही जानते हैं फायदे और जरूरी सावधानियां
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जन्म के बाद शिशु को कपड़े में क्यों लपेटते हैं? जानें इसके फायदे और जरूरी सावधानियां


आपने देखा होगा कि जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो उसके तुरंत बाद नर्स उसे कपड़े से अच्छी तरह लपेट देती है। वह इस तरीके से बच्चे को लपेटती है कि केवल बच्चे का चेहरा नजर आए बाकी शरीर का हर अंग ढक जाए। लेकिन इसके पीछे क्या कारण हैं। आखिर जन्म के बाद क्यों बच्चे को कपड़े से लपेटा जाता है, इसके बारे में पता होना जरूरी है। बता दें कि बच्चे को कपड़े से लपेटना स्वैडलिंग कहलाता है। ऐसे में बच्चे को या तो मलमल के कपड़े में या सूती के कमरे में लपेटते हैं। ऐसा करने से बच्चे को एहसास होता है कि वह अभी भी गर्भाशय में है और उससे गर्भाशय जैसी गर्माहट भी महसूस होती है। गर्भाशय में बच्चा बिना हिले डुले रहता है। वहीं इस कपड़े में भी बच्चा बिना हिले दुले आराम से सो सकता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे बच्चे को कपड़े में लपेट ना कितना सुरक्षित है। साथ ही इसके फायदों के बारे में भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...

बच्चे को कपड़े में लपेटने से मिलने वाले फायदे

1 - जब बच्चे को कपड़े से लपेटा जाता है तो उसे काफी आराम महसूस होता है और ऐसे में वह कम रोता है।

2 - जब बच्चे को कपड़े से लपेटते हैं तो इसके कारण शिशुओं में शारीरिक दर्द कम महसूस होता है।

3 - शिशु को कपड़े में लपेटने से उसके शरीर का तापमान सामान्य रह सकता है।

4 - जैसा कि हमने बताया शिशु को कपड़े में लपेटने के बाद पीठ के बल सुलाते हैं, जिससे सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम का जोखिम कम हो सकता है।

5 - शिशु को कपड़े में लपेटने से न केवल उसे आरामदायक नींद आती है बल्कि उसे मां के गर्भ जैसा गर्माहट भी महसूस होती है। ऐसे में वह अचानक से चौंकने की आदत से बच सकता है और भरपूर नींद ले सकते हैं।

6 - कपड़े में लपेटने से बच्चे को कम शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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शिशु को कपड़े में लपेटते वक्त बरतने वाली सावधानी

शिशु को कपड़े में लपेटते वक्त कुछ जरूरी सावधानियों पर ध्यान दिया जाता है। यह सावधानियां निम्न प्रकार हैं-

1 - बच्चे को कपड़े से लपेटते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाता है कि उसे जरूरत से ज्यादा गर्माहट महसूस ना हो।

2 - जब भी बच्चे को कपड़े में लपेटा जाता है तो उसके बाद बच्चे को कमर के बल लेटाया जाता है।

3 - ध्यान दें जब आपको पता चल जाए कि बच्चे ने पलटी मारना शुरू कर दिया है तो उस बच्चे को कपड़े से ना लपेटें वरना इससे उसके विकास पर असर पड़ सकता है।

4 - शिशु की कपड़े से लपेटते वक्त आप उसके दोनों हाथों को आप बाहर निकाल सकते हैं।

5 - शिशु को कपड़े से लपेटते वक्त ध्यान दें कि कपड़ा ज्यादा टाइट ना बंधा हो।

शिशु को कब कपड़े में ना लपेटें?

नवजात शिशु को कपड़े में लपेट जा सकता है। लेकिन जब वह करवट लेना शुरू कर दे तब उसे कपड़े से लपेटना बंद कर सकते हैं। आमतौर पर बच्चे 4 से 5 महीने के बीच में करवट लेना शुरू कर देते हैं। ऐसे में इस दौरान बच्चे को कपड़े में नहीं लपेटना चाहिए वरना स्थिति गंभीर हो सकती है और सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम का सामना भी करना पड़ सकता है।

शिशु को कपड़े से लपेटने में कितना फायदा है और कितना जोखिम, इसके बारे में जानने के लिए संबंधित रिसर्च पर क्लिक करें...

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नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि शिशु को कपड़े में लपेटने से शिशु को कई फायदे हो सकते हैं। लेकिन इस दौरान कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी है। वरना बच्चे की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हम माताओं को सलाह देते हैं कि वह किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही अपने बच्चे को कपड़े पर लपेटें।

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