
अधिक चीनी आपकी सेहत के लिए अच्छी नहीं मानी जाती। कई जानकार तो इसे सफेद जहर तक कि संज्ञा देते हैं। उनका मानना है कि अधिक चीनी से डायबिटीज जैसा रोग हो सकता है, जो हमारे स्वास्थ्य को कई प्रकार से नुकसान पहुंचा सकता है। हाल ही में हुए एक शोध से यह बात समाने आयी है कि बहुत अधिक मीठा खाना दिमाग के लिए अच्छा नहीं होता है, खासकर बहुत अधिक मीठी ड्रिंक्स पीने वाले लोगों के दिमाग के लिए बड़ा रिस्क होता है।
ऑस्ट्रेलियाई शोध में माना गया है कि मीठे पेय का अधिक सेवन दिमाग का आकार बदल सकता है। दिमाग का यह आकार कैंसर और एल्जाइमर जैसे रोगों में बदलता है।
शोधकर्ता जेन फ्रैंकलिन के अनुसार, ''शोध में हमने पाया कि पानी के विकल्प में तमाम तरह की मीठी ड्रिंक्स पीने वाले लोगों के दिमाग के आकार में बदलाव हुआ है। प्यास लगने पर पानी की जगह कोल्ड ड्रिंक या मीठी ड्रिंक पीने वाले लोगों के लिए यह खतरे का अलार्म है।''
शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए अपने शोध में माना है कि मीठी ड्रिंक्स अधिक पीने से दिमाग हाइपरएक्टिव यानी अतिसक्रिय हो जाता है और उसकी कोशिकाओं में बदलाव होने शुरू हो जाते हैं। ठीक ऐसे ही बदलाव दिमाग में एल्जाइमर या कैंसर जैसे रोगों की वजह से भी होते हैं।
शोधकर्ताओं का मानना है कि प्यास लगने पर पानी का विक्लप नहीं हो सकता है और जो लोग पानी की जगह दूसरे पेय को अधिक तरजीह देते हैं उन्हें दिमाग से जुड़े रोगों की आशंका अधिक होती है।
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