
शुगरिंग, नेचुरल वैक्सिंग का एक आसान और कारगर तरीका है। इसे करते वक्त स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
कई बार बाजार में उपलब्ध चीजें त्वरित, सुविधाजनक और सरल लगती हैं, पर वो हमारे लिए सही भी हो ये जरूरी नहीं है। वैक्सिंग करना ज्यादातर लोगों को काफी उलझन का काम लगता है। पर शरीर पर ज्यादा बढ़े हुए बाल भी अच्छे नहीं लगते। कभी-कभार जीन्स के नीचे छिपे हुए बढ़े बाल दर्द भी देते हैं। इसे हटाने के लिए लड़कियां वेक्स का इस्तेमाल करती हैं, जो बहुतों के लिए दर्दनाक प्रक्रिया होती है। गर्म-गर्म वैक्स, जब स्किन पर लगाया जाता है, तो अक्सर दर्द होता है। कई बार इस तरह के वैक्स के रेगुलर इस्तेमाल से स्किन को नुकसान भी पहुंचता है। वहीं हाथ-पैर के बालों को लगातार वैक्स करवाने से वहां के पोर्स बंद हो जाते हैं और वहां की स्किन काली पड़ जाती है। साथ ही लंबे समय तक ऐसा करवाने से स्किन ढीली हो जाती है। पर आज हम आपके लिए वैक्सिंग का एक नया विकल्प लेकर आए हैं, जो नेचुरल और आसान है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
शुगरिंग क्या है?
शुगरिंग, जिसे वैक्सिंग के विकल्प के रूप में देखा जाता है, ये नेचुरल वैक्सिंग का एक आसान और कारगर तरीका है। इये बेकिंग की तरह आपको लग सकता है, लेकिन बालों पर शुगरिंग करके आप नेचुरल तरीके से अपने बालों को हटा सकते हैं। ये वैक्सिंग की तुलना में अधिक प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है। वैक्सिंग की तरह इस प्रक्रिया में चीनी बालों को जड़ों से खींचती है और स्किन साफ कर देती है। इसके साथ ही ये त्वचा को चिकनी और साफ भी बना देती है।
शुगरिंग कैसे करें?
शुगरिंग करने के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं चाहिए होता है। इसकी नाम की ही तरह इसे एक चीनी के पेस्ट के रूप में बनाया जाता है। इस पेस्ट को बनाने के लिए इसमें नींबू, चीनी और पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इन तीनों को पहले मिला लिया जाता है और फिर इस सामग्री को साथ गर्म किया जाता है। जब देखें कि ये थोड़ा गाढ़ा हो गया है तो फिर गैस बंद करके इसे उतार लें। फिर ठंडा करके अपनी त्वचा पर लगाएं और कुछ देर बाद वैक्सिंग स्ट्रिप्स से इसे मिकाल लें। अगर शुगरिंग के बाद त्वचा में खुजली हो, तो नारियल तेल लगाकर त्वचा की मालिश करें।
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इसका उपयोग कहां करें?
चेहरे, अंडरआर्म्स, हाथ, पैर, पीठ और बिकनी एरिया सहित शरीर के कई हिस्सों पर बालों को हटाने के लिए इस पेस्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। जिन लोगों का त्वचा संवेदनशील होती है उनके लिए तो ये और बेहतर विकल्प हो सती है। संवेदनशील त्वचा वाले लोगों के लिए वैक्सिंग सत्र काफी दर्दनाक होता है और इसके बाद उनकी त्वचा पर चकत्ते और इंफेक्शन आदि की भी समस्या आती है। ऐसे में शुगरिंग सही विकल्प हो सकता है। ये पेस्ट सिर्फ बालों से चिपक जाता है और स्किन से नहीं चिपका, जिससे बाल निकालते वक्त स्किन को कोई डैमेज नहीं होता है।
वैक्सिंग से यह कितना अलग है?
ये प्रक्रिया और वैक्सिंग कमोबेश एक जैसी है, लेकिन ये थोड़ा आसान और नेचुरल है। वैक्सिंग में वैक्स को उसी दिशा में लगाया जाता है, जिस दिशा में बालों की ग्रोथ होती है। फिर इसे उल्टी दिशा में उतार दिया जाता है। पर इस प्रक्रिया मेंठीक उल्टा होता है। पेस्ट को पहले बालों के विकास के उल्टे दिशा में लगाया जाता है और फिर उसी दिशा में हटा दिया जाता है। वैक्सिंग के विपरीत, चीनी का पेस्ट त्वचा पर नहीं चिपकता है, केवल बालों से चिपक कर उसे ही निकालता है।
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शुगरिंग के फायदे-
- -जो लोग बालों को हटाने की इस पद्धति को वैक्सिंग के विकल्प के रूप में चुनते हैं उनके लिए बालों की रेगुलर वैक्सिंग आसान हो जाती है।
- - इससे त्वचा चिकनी महसूस होती है और वेक्स करते वक्त दर्द नहीं होता।
- - त्वचा की सतह से मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में शुगरिंग एक प्रभावी उपाय है।
- - अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, एक्सफोलिएशन त्वचा की नए सिरे से ग्लो करने में मदद करता है।
- - शुगरिंग से बाल पतले और नरम हो जाते हैं।
- - कुछ लोग शुगरिंग को इसलिए भी चुनते हैं क्योंकि यह कम दर्दनाक, लंबे समय तक चलने वाला और नेचुरल है।
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