सप्लीमेंट्स को लेना छोड़ें और डाइट में फोर्टिफाइड फूड शामिल करें

फोर्टिफाइड फूड की जरूरत किसे होती है और इसमें क्या-क्या होता है, जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
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सप्लीमेंट्स को लेना छोड़ें और डाइट में फोर्टिफाइड फूड शामिल करें

स्वस्थ रहने के लिए पोषण की जरूरत होती है और ये पोषण हमें विभिन्न तरह के आहारों का सेवन करने मिलता है। शरीर में खून की कमी न हो इसके लिए आयरन चाहिए, हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी चाहिए, ब्लड प्रेशर की समस्या न हो इसके लिए आयोडीन और सोडियम चाहिए, आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए विटामिन ए चाहिए, इसके अलावा दूसरे अन्य तत्व हैं जिनकी जरूरत हमें रोज होती है। ये सभी जरूरतें एक ही आहार के सेवन से पूरी नहीं हो सकती हैं, इसके लिए आहार को फोर्टिफाइड किया जाता है। इस लेख में फोटिफाइड आहार के बारे में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं।

fortified food

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क्या है फोर्टिफाइड फूड

बीमारी और शारीरिक कमजोरी तभी होती है जब हम स्वस्थ आहार का सेवन नहीं करते हैं। जानकारी के अभाव में लोग शरीर के लिए जरूरी पौष्टिकता वाले आहारों का सेवन नहीं कर पाते। भारतीय ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी बदतर है और इसके कारण कई बीमारियां हो रही हैं। विदेशों खासकर अमेरिका जैसे विकसित देश में एक ही आहार में शरीर के लिए जरूरी सभी पोषण तत्व मौजूद होते हैं, जो दूसरे तत्वों को मिलाकर बनाये जाते हैं। फोर्टिफाइड फूड की खासियत यह है कि इनके सेवन के बाद सप्लीमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है।

फोर्टिफाइड फूड की जरूरत

चावल, आटा, दूध और नमक जैसी खाने-पीने की चीजों को जब फोर्टिफाइड किया जाता है तब ये और भी पौष्टिक हो जाते हैं। क्योंकि इनमें विटामिन, आयरन, आदि मिनरल्स मिलाया जाता है। हालांकि भारत में बहुत पहले से नमक में आयोडीन मिलाया जाता था, लेकिन अब दूसरे जरूरी सप्लीमेंट अन्य आहारों में मिलाये जाने लगे। इसके लिए फूड रेगुलेटर एफएसएसएआई ने भी स्वीकृति दे दी।
इसके कारण अब नमक आयरन, दूध और खाने के तेल में विटामिन ओ और विटामिन डी, आटे में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी-12 मिलाया जा सकता है।

इसकी जरूरत क्यों पड़ी

2015 में केंद्रीय पोषण नियंत्रण ब्यूरो और नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन द्वारा करवाए गए उपभोक्ता सर्वे में यह सामने आया कि ज्यापदातर लोगों के आहार में विटामिन ए के अलावा दूसरे जरूरी मिनरल्स की कमी होती है। इसके कारण भारत में 70 प्रतिशत महिलाओं में विटामिन डी, विटामिनए, आयरन, रिबोफ्लेविन, फोलिक एसिड, आदि की कमी देखी गई। इसके कारण ही भारत में जन्‍म लेने वाले वाले प्रत्येक तीसरे बच्चे का वजन 2.5 किलो से भी कम होता है। इससे बचने का बस एक ही तरीका है फोर्टिफाइड फूड का सेवन।

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ये हैं फोर्टिफाइड फूड

नमक : नमक में केवल सोडियम होता है, फोर्टिफाइड करके इसमें आयरन, और सोडियम मिलाया जाता है।
ब्रेड : साबुत अनाज से ब्रेड बनाया जाता है। इसे और अधिक पौष्टिक बनाने के लिए इसमें फोलिक एसिड, विटामिन बी और फोलेट मिलाया जाता है।
सोया मिल्क : सोय मिल्क सोयाबीन से बनाया जाता है। लैक्टोज इनटॉलरेंस की समस्या में यह दूध बेहतर विकल्प होता है। इसमें प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जबकि इसे फोर्टिफाइड करके इसमें कैल्शियम मिलाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
दूध : दूध में कैल्सियम, प्रोटीन और फैट होता है। इसे फोर्टिफाइड करके विटामिन ए और डी मिलाया जाता है।
सेरेल्स  : सुबह के नाश्ते में ज्यादातर लोग इसका प्रयोग करते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होता है। इसे फोर्टिफाइड करके विटामिन बी मिलाया जाता है।

तो स्वस्थ रहने के लिए इन फोर्टिफाइड फूड का सेवन करें।

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