अस्‍थमा रोगियों के लिए खतरे से खाली नहीं है स्‍टेरॉयड गोलियों का सेवन : शोध

हाल में हुए एक नए अध्‍ययन में पाया गया है कि अस्‍थमा रोगियों के लिए  स्‍टेरॉयड गोलियां जोखिम भरी हो सकती हैं। आइए जानते हैं, क्‍यों?
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अस्‍थमा रोगियों के लिए खतरे से खाली नहीं है स्‍टेरॉयड गोलियों का सेवन : शोध


मांसपेशियों को मजबूत बनाने यानी बॉडी बिलल्डिंग में आपने स्‍टेरॉयड का नाम सुना होगा। स्‍टेरॉयड एक ऐसी दवा है, जिसका कई रूप में इस्‍तेमाल किया जाता है। आमतौर पर इसका सेवन गोली, पाउडर और इंजेक्शन के द्वारा किया जाता है। कुछ लोग बॉडी बनाने के लिए जिम जाकर घंटों वर्कआउट करते हैं, तो वहीं कुछ युवा कम समय में बॉडी को शेप में लाने के लिए स्टेरॉयड और प्रोटीन सप्लीमेंट का सहारा लेते हैं। 

स्‍टेरॉयड क्‍या है?

स्टेरॉयड एक प्रकार का रासायनिक पदार्थ होता है, जो हमारे शरीर के अंदर ही बनता है। जिसका इस्तेमाल किसी विशेष बीमारी के ट्रीटमेंट में भी किया जाता है। स्टेरॉयड का सेवन आपकी मांसपेशियों का विकास में मददगार है। अक्सर एथलीट और खिलाडी स्‍टेरॉयड को अपनी प्रतियोगिता में हिस्‍सा लेने के लिए इस्‍तेमाल करते हैं। 

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Steroid Tablets

रिसर्च 

हाल में हुए इस नए अध्‍ययन में शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी कि स्‍टेरॉयड गोलियां अस्‍थमा रोगियों के लिए खतरनाक हो सकती हैं। यह उन्‍हें गंभीर दुष्‍प्रभावों के जोखिम में डाल सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ क्‍वीसलैंड के प्रोफेसर जसॅन उपम के नेतृत्‍व में शोधकर्ताओं ने फार्मास्‍युटिकल बेनेफिट्स स्‍कीम के आंकड़ों का विश्‍लेषण किया, ताकि पता लगाया जा सके कि अस्‍थमा पीडि़त लोगों में बार-बार स्‍टेरॉयड गोलियों का क्‍या प्रभाव है। 

Steroid Tablets And Asthama

प्रोफेसर उपम ने कहा कि अध्‍ययन में 120,000 से अधिक मामलों मे देखा गया है, जहां अस्‍थमा के रोगियों को 2014 2018 के बीच उनके डॉक्‍टर द्वारा स्‍टेरॉयड गोलियों के लिए एक या अधिक नुस्‍खे दिए गए हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि उन रोगियों में 15 प्रतिशत से अधिक क्रोनिक स्थिति होने की संभावना थी। 

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स्‍टेरॉयड गोलियों का छोटे समय का कोर्स अस्‍थमा अटैक के इलाज में प्रभावी हो सकता है।  लेकिन इनका अधिक या बार-बार उपयोग डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस और मोतियाबिंद जैसे दीघकालिक दुष्‍प्रभाव से जुड़ा हो सकता है। 

अध्‍ययन के परिणाम 

अध्‍ययन के परिणाम बताते हैं कि आधे से ज्‍यादा अस्‍थमा रोगी इनहेलर्स का उपयोग न करने के बजाय स्‍टेरॉयड गोलियों का उपयोग कर रहे थे। जिसमें कि उनमें स्‍टेरॉयड से उत्‍पन्‍न होने वाले दुष्‍परिणामों का खतरा था। इसलिए स्‍टेरॉयड गोलियों की आवश्‍यकता से बचने या उन्‍हें कम करने के लिए शोधकर्ताओं ने नियमित प्रिेवेंटर इनहेलर्स के उपयोग करने की सलाह दी है। 

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