16 मरीजों के बुरी तरह क्षतिग्रस्त हृदयों का उपचार करने के लिए उनके ही हृदय की स्टेम कोशिकाओं का इस्तेमाल किया गया था इंसानों में ऐसा पहली बार किया गया यदि आगे ऐसे ही नतीजे मिले तो हृदय रोग के क्षेत्र में यह बड़ी क्रांति होगी।
लंदन। वैज्ञानिकों ने हृदयाघात की बीमारी के उपचार में बड़ी सफलता हाथ लगने का दावा किया है। उन्होंने बताया है कि दिल के दौरे की बीमारी से पीड़ित मरीजों का उपचार उनकी ही स्टेम कोशिकाओं से करने के शोध के ‘चौंकाने’ वाले परिणाम मिले हैं। ‘दी लांसेट’ के ताजा संस्करण में प्रकाशित शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 16 मरीजों के बुरी तरह क्षतिग्रस्त हृदयों का उपचार करने के लिए उनके ही हृदय की स्टेम कोशिकाओं का इस्तेमाल किया गया था। इंसानों में ऐसा पहली बार किया गया। वैज्ञानिकों ने एक साल बाद पाया कि आठ मरीजों के हृदयों की ‘पंपिंग क्षमता’ 12 फीसद से अधिक बढ़ गई थी। सभी मरीजों की दशा में किसी न किसी प्रकार का सुधार देखा गया।
हालांकि यह शुरुआती शोध है और इसमें अभी व्यापक पैमाने पर काम करने की जरूरत है लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि नतीजे बताते हैं कि इसका दूरगामी प्रभाव होगा। डेली टेलीग्राफ ने लुइसविले यूनिवर्सिटी के शोध दल के प्रमुख वैज्ञानिक राबटरे बोली के हवाले से बताया, ‘ नतीजे चौंकाने वाले हैं। हमें नहीं पता कि सुधार कैसे हुआ लेकिन यदि भावी शोध में भी ऐसे ही नतीजे मिले तो हृदय रोग के क्षेत्र में यह एक बड़ी क्रांति होगी।’ गौरतलब है कि हृदय तब काम करना बंद कर देता है जब वह क्षतिग्रस्त और कमजोर हो जाता है। ऐसे में वह पर्याप्त मात्रा में शरीर में रक्त की आपूर्ति नहीं कर पाता। हृदय को ऐसा नुकसान दिल का दौरा पड़ने से होता है। इससे गंभीर किस्म की विकलांगता हो सकती है और जिंदगी के लम्हें काफी हद तक घट सकते हैं।