
वेजिटेरियन यानी शाकाहारी और नॉन वेजिटेरियन यानी मांसाहारी खाना खाने वाले लोगों के बीच की लड़ाई लंबे समय से चली आ रही है। इस लड़ाई के पीछे की वजह यह है कि दोनों ही तरफ के लोगों का कहना है कि उनका खाना ज्यादा टेस्टी, हेल्दी और पोषक-तत्वों से भरपूर होता है। अब इस लड़ाई का अंत कब और कैसे होगा, यह कहना बहुत मुश्किल है। मगर क्या आप जानते हैं कि इन दोनों ही फूड्स को अगर जरूरत से ज्यादा खाया जाता है, तो शरीर को कई छोटी-बड़ी समस्याएं हो सकती हैं? इन्हीं समस्याओं में दिल से जुड़ी बीमारियां भी शामिल हैं। कई लोग मानते हैं कि नॉन-वेज खाने वाले लोगों को हार्ट अटैक जैसी समस्याएं होने का खतरा ज्यादा होता है। हालांकि, इस बात में कितनी सच्चाई है, यह जानना हमारे लिए बहुत जरूरी हो जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम न्यूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन सिल्की महाजन से जानेंगे कि क्या वाकई नॉन-वेज खाने वाले लोगों को हार्ट अटैक आने का खतरा वेजिटेरियन लोगों के मुकाबले ज्यादा होता है? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या नॉन वेज खाने वालों को हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा है?
डायटीशियन सिल्की महाजन के मुताबिक, प्रोसेस्ड मीट और रेड मीट में सैचुरेटेड फैट की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, आर्टरीज यानी धमनियों में प्लाक जमा होने लगता है। इससे ब्लड फ्लो धीरे हो जाता है और इंसान दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकता है। बता दें कि नॉन-वेज खाने में नमक, प्रिजर्वेटिव्स और अनहेल्दी फैट्स की मात्रा ज्यादा होती है। इनसे भी दिल की सेहत पर बुरा असर हो सकता है। इस मामले में नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन द्वारा एक शोध प्रकाशित किया गया है। इस शोध में 48188 लोगों ने हिस्सा लिया था, जिन्हें दिल से जुड़ी बीमारियों की कोई शिकायत नहीं थी। इस शोध में यही बात सामने आई कि नॉन-वेज खाने वालों में हार्ट से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा ज्यादा होता है।
नॉन वेज खाना बंद कर दें?
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कई लोगों के मन में यह सवाल आ सकता है कि अगर नॉन-वेज खाना खाने से हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है, तो क्या नॉन-वेज फूड का सेवन बंद कर देना चाहिए? आपके इस सवाल का जवाब नहीं है। आपको नॉन-वेज खाने को बंद नहीं बल्कि इसके सेवन को सीमित कर देना चाहिए। इसके अलावा, आप डाइट में साबुत अनाज, फलों और सब्जियों के सेवन को बढ़ा सकते हैं। इस खाने में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। ये हार्ट हेल्थ का खास ख्याल रखते हैं। बता दें कि सिर्फ नॉन-वेज खाने के कारण ही हार्ट अटैक नहीं आता है। अगर आप नॉन-वेज के साथ बैलेंस डाइट का सेवन करते हैं, तो शरीर को जरूरी पोषण प्राप्त होगा। साथ ही, आप शरीर को कई समस्याओं से बचा पाएंगे। आपने नॉन-वेज खाने से होने वाले फायदे कई बार सुने होंगे, लेकिन आज हम आपको इसे खाने के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में बताएंगे।
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जरूरत से ज्यादा नॉन वेज खाने से होने वाली समस्याएं
- अगर आप जरूरत से ज्यादा नॉन वेज खाते हैं, तो वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
- अगर आप ज्यादा नॉन वेज में मौजूद प्रोटीन शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का कारण बन सकता है।
- बता दें कि नॉन वेज फूड में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट होता है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है।
- नॉन-वेज के ज्यादा सेवन से इंसान को हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- नॉन-वेज खाने से पेट की गर्मी बढ़ती है और तंत्रिका संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
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बता दें कि नॉन-वेज खाने से बैक्टीरियल और वायरल बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। इसे खाने से शरीर में सूजन आ सकती है। यही कारण है कि आपको नॉन वेज फूड्स का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। इसका जरूरत से ज्यादा सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
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