भारतीय खानपान का स्वाद मसालों पर निर्भर करता है। मसालों की खुशबू और उनका तेज स्वाद लोगों को पसंद भी आता है। हम सभी अपने खाने में कई तरह के मसालों जैसे लाल मिर्च, हरी मिर्च, काली मिर्च आदि का इस्तेमाल करते हैं। कई बार ऐसा होता है कि मसालों के गलत इस्तेमाल से खाने का स्वाद तो बिगड़ता है ही, साथ ही सेहत पर भी गलत असर पड़ता है। कभी कभी आपने भी ये बात नोटिस की होगी कि मसालों के गलत या अधिक इस्तेमाल से जीभ जलने लगती है, आंख और नाक से पानी आने लगता है। हालांकि कि यह एक शारीरिक प्रतिक्रिया है। कई अध्ययनों में कहा गया है कि बहुत अधिक मसालेदार खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना गलत आदत है।
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मसालेदार खाने को लेकर वैज्ञानिक नजरिया
दरअसल, कैप्सेसिन नामक एक रासायनिक तत्व की वजह से ही कुछ चीजें स्वाद में तीखी और तेज होती हैं। जब हम ऐसी कोई भी चीज खाते हैं तो हमारे दिमाग को एक संदेश मिलता है और हमें तीखे स्वाद की अनुभूति होती है। कैप्सेसिन एक नॉन-पोलर अर्थात अध्रुवीय तत्व है। यह केवल ऐसे ही तत्व में घुलनशील होता है जो अध्रुवीय हो। पर पानी तो ध्रुवीय यौगिक है। ऐसे में ये ज्वलनशीलता को कम करने के लिए यह कारगर नहीं होता है। इसका सीधा मतलब यह है कि तीखा खाने के बाद पानी पीने का कोई फायदा नहीं होता है।
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मसालेदार खाना खाने के बाद पानी पीने का असर
जलन में राहत दिलाने के स्थान पर पानी उस तीखेपन को मुंह के दूसरे हिस्सों में फैला देता है। तीखा लगने के बाद इंसान को प्यास ज्यादा लगती है। पर यह कोई कारगर उपाय नहीं है।
तीखेपन और जलन को ऐसे करें कम
अगर आपको कुछ मसालेदार खाने के बाद तीखा लग रहा है तो ऐसे में बेहतर होगा कि आप उसे कम करने के लिए किसी नॉन-पोलर चीज का इस्तेमाल करें। ऐसे में दूध पीना कारगर होगा। यह एक नॉन-पोलर पेय है जो कैप्सेसिन को अपने में घोल लेता है। दूध के सेवन से आपको तुरंत राहत महसूस होगी। इसके अलावा दूसरे डेयरी उत्पादों के इस्तेमाल से भी तीखेपन को कम किया जा सकता है।
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