धूम्रपान डायबिटीज के कई कारणों में से है। शोध बताते हैं कि जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनके डायबिटीज से ग्रस्त होने की संभावना धूम्रपान न करने वाले लोगों के मुकाबले अधिक होती है। ताजा शोध में यह बात सामने आई है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में डायबिटीज होने का खतरा आम लोगों की तुलना में 44 फीसदी अधिक होता है। जापान के नेशनल कैंसर के शोधकर्ताओं ने पाया कि दिन में 20 से ज्यादा सिगरेट पीने वालों में यह खतरा 61 फीसदी तक बढ़ जाता है। जबकि कम धूम्रपान करने वालों में यह खतरा 29 प्रतिशत पाया गया। हर वर्ष फेफड़ों के कैंसर के कारण होने वाली 87 प्रतिशत मौतें धूम्रपान के कारण होती हैं। धूम्रपान छोड़ने के बाद भी डायबिटीज की चपेट में आने का खतरा बना रहता है। धूम्रपान से ताउम्र चलने वाली बीमारी टाइप-2 डायबिटीज का खतरा अधिक होता है।
धूम्रपान और डायबिटीज में संबंध –
- धूम्रपान करने से खून में शुगर का स्तर बढ जाता है। जिससे शरीर की इंसुलिन उपयोग करने की क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है। और फिर मधुमेह को काबू करना मुश्किल हो जाता है।
- एक सिगरेट पीने से शरीर में इंसुलिन का प्रयोग करने की क्षमता 15 फीसदी तक कम हो जाती है। धूम्रपान करने से खून में कोलेस्ट्रॉल और वसा का स्तर बढ जाता है। इससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
- डायबिटीज रोगी अगर धूम्रपान करते हैं, तो उनका रक्त संचार ठीक से नहीं होता। उनके छोटे घाव भी आसानी से नहीं भरते। इस स्थिति में पैरों में संक्रमण होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
- डायबिटीज और धूम्रपान की जुगलबंदी से गुर्दे की बीमारी का खतरा बढ जाता है। इसके साथ ही उनमें दांतों, मसूढ़ों और अल्सर की शिकायतें भी ज्यादा होती है। आम लोगों की तुलना में मधुमेह से ग्रस्त लोगों के हृदय संबंधी बीमारियों से मरने की आशंका सामान्य लोगों की तुलना में तीन गुना अधिक होती है।
- किसी भी मादक पदार्थ की तरह धूम्रपान भी कुछ देर के लिए शरीर में एनर्जी का एहसास कराता है लेकिन, हर बार पी गयी सिगरेट आपके शरीर को पहले की तुलना में और अधिक नुकसान पहुंचाती है।
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