बच्चों के मानसिक विकास पर असर डालता है स्मार्टफोन

स्मार्टफोन से खेलने की आदत बच्चे के मानसिक विकास में कैसे बाधक बन सकती है, जानने के लिए पढ़ें यह न्‍यूज।
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बच्चों के मानसिक विकास पर असर डालता है स्मार्टफोन


स्‍मार्टफोन से खेलता बच्‍चा

आपके लाडले की स्मार्टफोन से खेलने की आदत घातक साबित हो सकती है। अकसर देखा गया है कि मां-बाप बच्चे को खेलने के लिए मोबाइल थमा देते हैं, जो कि खतरनाक होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्मार्टफोन से खेलने की आदत बच्चे के मानसिक विकास में बाधक बन सकती है। इसलिए बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखना चाहिए।

 

जानकारों का मानना है कि छोटी उम्र में स्मार्टफोन से खेलने से बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित होता है। दो साल या इससे कम उम्र के बच्चे में यह समझ नहीं होती कि वह स्मार्टफोन के जरिए कुछ सीख सकें। स्मार्टफोन के प्रयोग से बच्चे का ध्यान भटकता है और इसका सीधा असर उसके मानसिक विकास पर पड़ता है।

 

इतना ही नहीं स्मार्टफोन से खेलने से बच्चे की आने वाली जिंदगी भी प्रभावित हो सकती है। वैज्ञानिकों का मत है कि बचपन में ही मस्तिष्क का विकास हो जाता है। मनोवैज्ञानिक गैल सल्ट्ज ने बताया कि दो-ढाई साल तक हर बच्चा बोलना और सुनना सीखता है। इस दौरान उसका अपना शब्द भंडार तैयार होता है।

 

इस उम्र में यदि बच्चे स्मार्टफोन के साथ समय बिताएंगे तो उनके बोलने और सुनने की प्रक्रिया में बाधा आएगी और उनका शब्द कोश कमजोर होगा। गैल कहती है कि अभिभावकों को यह बात सोचनी होगी कि स्मार्टफोन बच्चों की स्वतंत्र सोच को भी प्रभावित करता है। इससे रचनात्मकता पर भी असर पड़ता है।



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