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पहली बार पीरियड आने पर 14 वर्षीय लड़की ने की आत्महत्या,जानें बच्चों को पीरियड्स की जानकारी देना क्यों है जरूरी

पीरियड्स के बारे में गलत जानकारी बच्चों की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकती है। जानें यह बच्चों की मेंटल हेल्थ पर क्या असर डालती है।   
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पहली बार पीरियड आने पर 14 वर्षीय लड़की ने की आत्महत्या,जानें बच्चों को पीरियड्स की जानकारी देना क्यों है जरूरी


How To Educate Girl Child About Menstruation: पीरियड्स को लेकर कई धारणाएं हम बचपन से सुनते आए होते हैं। कई घरों में तो आज भी पीरियड्स के बारे में खुलकर बात नहीं होती है। इसे लोग शर्मनाक चीज मानते हैं। खासकर मर्दों के सामने तो कई महिलाएं इस पर बात तक नहीं करती हैं। ऐसे में ही पनपते हैं पीरियड्स से जुड़े मिथक। जैसे कि पीरियड्स में आचार नहीं खाना चाहिए या पीरियड्स में मंदिर नहीं जाना चाहिए। इन तरह ही चीजें न सिर्फ लोगों में गलत जानकारी फैलाती है, बल्कि डर भी बिठाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है इन गलत जानकारी के कारण किसी की जान भी जा सकती है? 

ताजा मामला मध्यप्रदेश के मुंबई शहर से सामने आया है। जहां एक 14 साल ही लड़की ने पीरियड्स पैन से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। सूत्रों के मुताबिक लड़की को पहली बार पीरियड्स हुए थे। साथ ही, उसे पीरियड्स के बारे में गलत जानकारी थी। इस दौरान वो कई दिनों से तनाव में चल रही थी। ऐसे में प्रश्न उठता है कि इस दौरान उस वक्त बच्ची की मानसिक स्थिति क्या रही होगी? साथ ही, बच्चों को पीरियड्स की सही जानकारी कैसे और कब देनी चाहिए? इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि सीके बिरला हॉस्पिटल (गुड़गांव) की लीड कंसल्टेंट आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ आस्था दयाल से।  

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पीरियड्स के दौरान लड़कियों में आते है कई बदलाव- Changes Occur In Girls During Periods.

लड़कियों को पीरियड्स 9 साल से 15 साल की उम्र के बीच हो जाते हैं। डॉ आस्था दयाल के मुताबिक इस दौरान ज्यादातर लड़कियों को पीरियड्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। साथ ही, उनके पास जानकारी के लिए सोर्स भी नहीं होते हैं। इसलिए अचानक शरीर में होते बदलावों को स्वीकार करना उनके लिए मुश्किल होता है। ऐसे में उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं। पीरियड्स पैन, इरिटेशन और ब्लीडिंग के कारण उन्हें परेशानी झेलनी पड़ती हैं।

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बच्चों को छोटी उम्र में पीरियड्स की जानकारी होना क्यों जरूरी है? Why Is It Important For Children To Know About Periods At Young Age

पीरियड्स के दौरान लड़कियों के मानसिक स्वास्थ्य में भी कई बदलाव आते हैं। गुरुग्राम के मैरिंगो एशिया अस्पताल से सलाहकार- मनोवैज्ञानिक डॉ मुनिया भट्टाचार्य बताती हैं, कि पहले पीरियड्स के दौरान भी लड़कियों की मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है। उनके लिए नए बदलावों को स्वीकार करना मुश्किल होता है। ऐसे में उन्हें एंग्जाइटी और स्ट्रेस जैसी समस्याएं होने लगती है। साथ ही, गलत जानकारी में आकर बच्चे डिप्रेस्ड भी होने लगते हैं। इसके कारण बच्चे में घबराहट और बैचेनी बढ़ने लगती है।

बच्चों से पीरियड्स को लेकर बात कब और कैसे करें- How To Educate Girl Child About Menstruation

छोटी उम्र से करें शुरुआत

लड़कियों को 8 साल की उम्र के बाद ही पीरियड्स के बारे में जानकारी देनी चाहिए। इसके लिए आपको अपने कंफर्ट लेवल से निकलने की जरूरत भी होगी। बच्चे को बताएं कि महिलाओं के लिए पीरियड्स होना क्यों जरूरी है।

पीरियड्स की परेशानियों पर बात करें

आपको बच्चों को समझाना होगा कि पीरियड्स होना कितना नॉर्मल है। इस दौरान लड़की को क्या-क्या परेशानी होती है। साथ ही, मेंटल हेल्थ में बदलाव आना भी कितना नॉर्मल है। 

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गलत धारणाओं को न मानें

पीरियड्स के बारे में कई लोग कहीं-सुनी बातों और अंधविश्वास पर भी भरोसा कर लेते हैं। लेकिन इससे बच्चों के मन में डर बैठ जाता है, जो उनके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।

मैनेज करना सिखाएं

आपको बच्चों को सिखाना होगा कि पीरियड्स में उन्हें कैसे मैनेज करना है। उन्हें कैसे पैड इस्तेमाल करना चाहिए या हाइजीन कैसे रखनी चाहिए। इससे उन्हें काफी मदद मिल पाएगी। 

 

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