
अगर आप सोचते हैं कि 8 घंटे की नींद पूरी करने के बाद आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं और आपको नींद संबंधी किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी तो आप गलत हैं। हाल ही में हुए एक शोध की मानें तो केवल नींद पूरी करना जरूरी नहीं है बल्कि समय पर सोना भी बहुत जरूरी है।

वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये रिसर्च में यह बात सामने आयी। इसके शोधकर्ताओं के अनुसार प्रतिदिन एक निश्चित समय पर सोना स्वस्थ जीवन के लिए बेहद जरूरी है। इस शोध के प्रमुख और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेशर इलिया काराटसोरियोज ने चूहों को उनके नियमित नींद चक्र से जगा दिया और पाया कि पूरी नींद लेने के बाद भी उनकी नींद की गुणवत्ता का स्तर अच्छा नहीं था।
काराटसोरियोज के अनुसार, इस शोध से नींद की अनियमितता से पड़ने वाले प्रभाव का पता चलता है। अगर कोई शख्स अनियमित नींद से जूझ रहा है तो भविष्य में इसके कारण उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। नींद से संबंधित अधिकांश शोध केवल नींद की कमी या जीव के लिए नींद के घंटों की जरूरत पर ही केंद्रित होते हैं।
काराटसोरियोज और उनके सहयोगियों का यह शोध मस्तिष्क आधारित घड़ी पर नई रोशनी डालता है जो कि विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं की लय को नियंत्रित करती है। यह चक्र पौधों और एक कोशिकीय जीवों सहित ऐसे जीवों में पाया जाता है जो 24 घंटे से अधिक जीवित रहते हैं।
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि नींद के चक्र में बदलाव के कराण रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और रोगग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। उनकी मानें तो 'आधुनिक समाज में देर रात तक रोशनी, शिफ्ट में काम, अधिक मेहनत, मोबाइल और टैबलेट से निकलने वाली नीली रोशनी के कारण हमारा नींद का चक्र बुरी तरह प्रभावित होता है।'
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