ज्यादा चाय पीने से हड्डियों में हो सकता है स्केलेटल फ्लोरोसिस, जानें इसके बारे में सबकुछ

सही है कि अति किसी भी चीज की दुखदाई ही होती है। अगर हर आधे घंटे में चाय का प्याला हाथ में लेकर सिप लेना आपकी आदत है तो सतर्क हो जाइए।
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ज्यादा चाय पीने से हड्डियों में हो सकता है स्केलेटल फ्लोरोसिस, जानें इसके बारे में सबकुछ


सही है कि अति किसी भी चीज की दुखदाई ही होती है। अगर हर आधे घंटे में चाय का प्याला हाथ में लेकर सिप लेना आपकी आदत है तो सतर्क हो जाइए। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि लम्बे समय तक रोज कई सारे कप चाय के पीने से आपकी हड्डियों को खतरा हो सकता है। चाय की लत को लोग अलग-अलग पैमाने पर भी मापते हैं। कोई दिनभर में 4-5 कप से ज्यादा चाय पीने को गलत कहता है तो कोई दिन में 10 कप तक को जायज ठहराता है। इस संदर्भ में सबसे खास बात यह है कि चाय के इंटेक का असर चाय की क्वालिटी, पीने वाले के शरीर और जेनेटिक्स की स्थिति, चाय का समय और चाय बनाने के तरीके आदि पर निर्भर करता है।

ऐसे में किसी एक कारण को ही किसी तकलीफ के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता लेकिन यह भी सच है कि दूध, चीनी से बनी पारम्परिक चाय का लगातार, बड़े पैमाने पर किया गया सेवन शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं भूख मिटाने के लिए, खाली पेट या खाने के तुरंत बाद पी गई ढेर सारी मीठी चाय भी सेहत के लिए बुरी साबित हो सकती है।

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हड्डियों की सेहत और चाय

हमारा खान-पान शरीर को पोषण देता है लेकिन जो असंतुलित खाद्य हम शरीर में पहुंचाते है वह कई तरह से नुकसान कर सकता है। यह नुकसान त्वरित और अस्थाई से लेकर लम्बे समय में सामने आने वाला और गंभीर तकलीफ देने वाला भी हो सकता है।

चाय से हड्डियों को पहुंचने वाला नुकसान लम्बे समय में सामने आने वाला और ध्यान न देने पर गंभीर रूप लेने वाला भी हो सकता है। खासतौर पर चाय में उपस्थित फ्लोराइड नामक खनिज हड्डियों के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। फ्लोराइड की बहुत ज्यादा मात्रा हड्डियों में स्केलेटल फ्लोरोसिस होने की आशंका बढ़ा सकती है।

आर्थराइटिस जैसी दिखने वाली यह बीमारी हड्डियों में दर्द पैदा कर देती है। इससे कमर, हाथ-पैरों तथा जोड़ों में दर्द की शिकायत हो जाती है। एक खनिज होने के नाते फ्लोराइड की सामान्य मात्रा दांतों के लिए फायदेमंद होती है और चाय के अलावा यह पीने के पानी से भी प्राप्त हो सकता है लेकिन इसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा नुकसानदायक हो सकती है।

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यह उपाय हो सकते हैं लाभदायक

  • चाय की मात्रा पर कंट्रोल करें। अति से बचें
  • कोशिश करें कि सामान्य चाय की जगह ग्रीन टी, हर्बल टी आदि पीएं
  • खाने के तुरंत बाद या पहले और खाली पेट चाय पीने से बचें
  • चाय पीने के बाद कुल्ला करें
  • चाय की जगह तलब लगने पर छाछ, नारियल पानी आदि पीने की आदत डालें

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