सिंगल पेरेंट्स चाहते हैं बच्चों के साथ मजबूत रिश्ता, तो इन 5 बातों का रखें ख्याल

सिंगल पेरेंट्स को बच्चे की परवरिश के वक्त कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्हें अपने अतीत से उबरने में, अतीत को भुलाने की भी हर मुमकिन कोशिश करनी पड़ती है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
सिंगल पेरेंट्स चाहते हैं बच्चों के साथ मजबूत रिश्ता, तो इन 5 बातों का रखें ख्याल


सिंगल पेरेंट्स को बच्चे की परवरिश के वक्त कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्हें अपने अतीत से उबरने में, अतीत को भुलाने की भी हर मुमकिन कोशिश करनी पड़ती है। अगर किसी सिंगल पेरेंट के दो बच्चे हें तो उनके लिए मुश्किलें आसान नहीं होती। उन्हें बच्चों के भविष्य, कैरियर और उनके जीवन की तमाम चीजों के निर्णय खुद ही लेने होते हैं। बच्चों के सवालों के जवाब देना, बच्चों  को माता-पिता दोनों को प्यार देना, बच्चे को किसी तरह की कोई कमी महसूस न होने देना भी किसी चुनौती से कम नहीं।

फाइनेंशियली स्ट्रॉंग बनें

सिंगल मदर्स के लिए आर्थिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। बच्चे की जरूरतें, उसकी ख्वाहिशें आर्थिक रूप से मजबूत हुए बिना पूरी नहीं की जा सकती। लेकिन बच्चे को भी शुरू से अपनी स्थितियों से परिचित करवा दें और उन्हें ये शिक्षा दें की आप दोनों के लिए एक-दूसरे के साथ रहना ही सबसे बड़ी खुशी है। यह जरूरी नहीं कि आपके साथ बुरा हुआ तो बाकी सब भी एक जैसे ही होते हैं बल्कि आपको अपने बच्चे के लिए अन्य अभिभावकों और अपने बच्चे के दोस्तों से सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने की जरूरत है।

इसे भी पढ़ें : सिंगल पेरेंट्स रखें इन 2 बातों का ख्याल, गलत संगत में नहीं पड़ेगा बच्चा

हर तरह से रहें आत्मनिर्भर

सिंगल पैरेंटिंग के दौरान सिंगल पैरंट्स को घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी एक साथ निभाना सिंगल पेरेंट़स के लिए बड़ी चुनौती है। इस जिम्मेदारी को निभाते वक्त काफी धैर्य रखना पड़ता है। कई बार इस जिम्मेदारी को निभाने के दौरान बच्चे पर से ध्यान हट जाता है। ऐसे में इन जिम्मेदारियों को निभाते वक्त सबसे ज्यादा ध्यान रखें कि कहीं बच्चा खुद को अकेला तो महसूस नहीं कर रहा। 

इसे भी पढ़ें : घर में आपस में लड़ते हैं बच्चे, तो इन 5 तरीकों से समझाएं उन्हें

बच्चे को अपनी जिम्मेदारी समझे

बच्चा छोटा है तो बच्चे को अकेले छोड़ना और उसकी अच्छी़ परवरिश पर विशेष ध्यान देना भी उनके लिए चिंता का विषय होता है। अगर बच्चा बड़ा भी है तो भी उसे किसी के भरोसे ना छोड़ें। आज की दुनिया में किसी पर विश्वास करना ही सबसे बड़ी गलती होती है। इसलिए कोशिश करें कि बच्चे को आप इस तरह से समझदार बना सकें कि वो छोटी उम्र से ही थोड़ी देर आपके बिना सबकुछ संभालना सीख जाए।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Article on Single Parenting in Hindi

Read Next

बच्चे हो जाएं डिप्रेशन का शिकार तो अपनाएं पीसीआईटी थैरेपी, जानें क्या है ये

Disclaimer