छोटे बच्चों के विकास के साथ-साथ उन्हें कई ट्रेनिंग देने की जरूरत होती है। जैसे 7 से 8 महीने के बाद बैठने की ट्रेनिंग, 10 से 11 महीने की उम्र में चलने और सीधा खड़े होने की ट्रेनिंग दी जाती है। ठीक वैसे ही बच्चा बड़ा होकर टॉयलेट सीट पर बैठकर पॉटी कर ले, इसके लिए उसे पॉटी ट्रेनिंग देते हैं। सही समय पर पॉटी चेयर का इस्तेमाल शुरू करने से यह प्रक्रिया आसान और बच्चे के लिए आरामदायक बन सकती है। हालांकि बच्चों के लिए पॉटी सीट का इस्तेमाल कब शुरू करना चाहिए, इस बारे में पेरेंट्स अक्सर कंफ्यूज रहते हैं।
आज हम इस कंफ्यूजन को दूर करने वाले हैं। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल के शिशु रोग विभाग के प्रमुख सलाहकार डॉ. सौरभ खन्ना से बात की।
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पॉटी चेयर का इस्तेमाल कब शुरू करें?- When to start using a potty chair?
डॉ. सौरभ खन्ना के अनुसार, हर बच्चा अलग होता है और उसके शारीरिक विकास की प्रक्रिया ज्यादा होती है। आमतौर पर बच्चे 12 से 18 महीने के बीच पॉटी ट्रेनिंग के तैयार हो जाते हैं। बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया की शुरुआत तब की जानी चाहिए, जब बच्चा आसानी से बिना किसी सहारे के घुटनों के बल बैठने लगता है।
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बच्चों को कब दें पॉटी चेयर?- When to give potty chair to children?
1. इशारों में बताए : जब बच्चा पॉटी करने से पहले मुंह, आंख या किसी इशारे में संकेत दे, तो समझ जाएं कि अब वक्त है उसे पॉटी चेयर पर बैठने का।
2. बैठने की क्षमता : जब बच्चा छोटा होता है, तो खुद ही पॉटी के समय खुद ही सीट पर बैठने लगता है।
3. रूटीन को समझें : बच्चा दिनचर्या और निर्देशों को समझने और फॉलो करने में सक्षम हो। तब उसे पॉटी चेयर दी जा सकती है।
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बच्चे के लिए पॉटी चेयर का इस्तेमाल कैसे शुरू करें?- How to start using a potty chair for your baby?
1. सही पॉटी चेयर चुनें: बच्चे की पसंद और आराम को ध्यान में रखते हुए, एक आकर्षक रंग की पॉटी चेयर का चुनाव करें। पॉटी चेयर खरीदते वक्त ध्यान दें कि बच्चा उस पर आसानी से बैठ जाए।
2. बच्चों को पॉटी चेयर दिखाएं : शुरुआत में पॉटी चेयर को बच्चे के आसपास रखें ताकि वह इसे सामान्य चीज समझे। उसे बताएं कि यह सिर्फ उसके लिए है और कोई इसका इस्तेमाल नहीं करेगा।
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3. रूटीन बनाएं : पॉटी चेयर की पॉटी ट्रेनिंग देते वक्त ध्यान दें कि इसके लिए एक रूटीन बनाना जरूरी है। हर दिन एक निश्चित समय पर, जैसे सुबह उठने के बाद या खाने के बाद, बच्चे को पॉटी चेयर पर बैठाएं।
4. ताली बजाएं : बच्चा अगर पॉटी चेयर पर बैठकर आराम से मल त्याग कर लेता है, तो उसकी हर छोटी कोशिश पर उसे प्रोत्साहित करें। इस दौरान ताली बजाकर खुशी दिखाएं।
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निष्कर्ष
12 महीने के बाद बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया को समझने की कोशिश करें। इसके लिए पॉटी चेयर का इस्तेमाल करते समय माता-पिता को धैर्य से काम लेना चाहिए।
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