Side Effects Of Prostate Surgery In Hindi: प्रोस्टेट सर्जरी, जिसे हम प्रोस्टेटेक्टॉमी के नाम से जानते हैं। प्रोस्टेटेक्टॉमी होने पर प्रोस्टेट ग्लैंड के कुछ भाग या पूरे हिस्से को निकालने की सर्जरी होती है। प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुषों के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह ब्लैडर के नीचे पेल्विस एरिया में लोकेटेड है। यह यूरेथ्रा को घेरती है, जो ब्लैडर से पेनिस तक यूरिन को पास करने में मदद करती है। बहरहाल, प्रोस्टेटेक्टॉमी बहुत गंभीर स्थिति में कराई जाती है, जैसे प्रोस्टेट कैंसर। वैसे तो किसी अन्य गंभीर के चलते प्रोस्टेटेक्टॉमी कराई जाती है, लेकिन इसके अपने साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसलिए, अगर किसी को प्रोस्टेटेक्टॉमी की जरूरत पड़े, तो उन्हें इसके साइड इफेक्ट या नकारात्मक परिणामों के बारे में पहले से पता होना चाहिए। आइए, जानते हैं रोहतक स्थित Positron Superspeciality and Cancer Hospital में वरिष्ठ ओंकोलॉजिस्ट डॉ. मनीष शर्मा से इनके बारे में।
प्रोस्टेटेक्टॉमी करवाने के साइड इफेक्ट- Side Effects Of Prostate Surgery In Hindi
सबसे पहले यह स्पष्ट रूप से जान लेना जरूरी है कि किसी भी तरह की सर्जरी के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। यह पूरी तरह मरीज के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है-
पेशाब करने में दिक्कत होना
प्रोस्टेटेक्टॉमी सर्जरी होने पर पेशाब की इनकंसीस्टेंसी यानी रुक रुक कर पेशाब आना सबसे कॉमन समस्या होती है। असल में, प्रोस्टेटेक्टॉमी होने पर व्यक्ति ब्लैडर को कंट्रोल नहीं कर पाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि सर्जरी के दौरान नर्व्स और मसल्स डैमेज हो सकती हैं। सामान्यतः सर्जरी के बाद पुरुषों को यूरिन पैड का इस्तेमाल लगभग एक सप्ताह तक करना पड़ सकता है। कुछ सप्ताह बाद यह समस्या धीरे-धीरे सही ट्रीटमेंट की मदद से पूरी तरह ठीक हो जाती है।
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इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
प्रोस्टेटेक्टॉमी के बाद कई पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की दिक्कत हो जाती है। इसके कारण की बात करें, तो सर्जरी के दौरान पेल्विस एरिया के कई मसल्स और नर्व्स के डैमेज होने का रिस्क रहता है। ऐसे में पुरुषों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या कुछ समय तक रह सकती है। इस संबंध में आप डॉक्टर की मदद ले सकते हैं।
इनफर्टिलिटी
प्रोस्टेट सर्जरी के दौरान वास डेफेरेंस को काटना पड़ता है। इसे हिंदी में शुक्राणु वाहिनी के नाम से जाना जाता है। यह एक तरह की नली होती है, जो स्पर्म को अंडकोष से मूत्रमार्ग तक ले जाने में मदद करती है। चूंकि, प्रोस्टेटेक्टॉमी के दौरान वास डेफेरेंस को काटा जाता है, तो ऐसे में पुरुषों को इजेकुलेशन या स्खलन की समस्या हो जाती है।
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मूत्रमार्ग का सिकुड़ना
प्रोस्टेट सर्जरी के बाद ब्लैडर नेक को एनास्टोमोसिस नामक प्रक्रिया के दौरान यूरेथ्रा से फिर से जोड़ा जाता है। प्रोसीजर में टांके लगाए जाते हैं, जिसमें बाद में ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है। इसी वजह से मूत्रमार्ग में सिकुड़न आ सकती है या कोई और समस्या हो सकती है। हालांकि, यह अस्थाई होती है। डॉक्टर इस पर विशेष ध्यान देते हैं।
प्रोस्टेटेक्टॉमी के अन्य साइड इफेक्ट
प्रोस्टेटेक्टॉमी करवाने पर कुछ अन्य साइड इफेक्ट्स भी होते हैं, जो अस्थाई हो सकते हैं। इसमें ब्लीडिंग, यूरिन इंफेक्शन, अन्य तरह के संक्रमण या दवाओं का नकारात्मक प्रभाव शामिल हैं। प्रोस्टेटेक्टॉमी के बाद आपको किस तरह की परेशानी हो रही है, इस संबंध में डॉक्टर को विस्तार से बताना आवश्यक होता है।
डॉक्टर की सलाह
प्रोस्टेटेक्टॉमी एक गंभीर प्रक्रिया होती है। ऐसा किसी बड़ी बीमारी के कारण किया जाता है। अगर मरीज को प्रोसीजर के बाद किसी तरह की परेशानी हो, तो उन्हें उसी समय डॉक्टर को अपनी स्थिति बतानी चाहिए। हालांकि, सर्जरी के बाद कुछ समय तक मरीज को ऑब्जर्वेशन में रखा जात है, ताकि उन्हें किसी तरह की समस्या हो, तो डॉक्टर उसका निदान कर सकें।
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