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हिमाचल और उड़ीसा में फैल रहा स्क्रब टाइफस संक्रमण क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय

उड़ीसा और हिमाचल में 15 लोगों की जान ले चुका स्क्रब टाइफस संक्रमण नया नहीं है। जानें इस बीमारी का इतिहास, लक्षण, इलाज और सभी जरूरी बातें।
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हिमाचल और उड़ीसा में फैल रहा स्क्रब टाइफस संक्रमण क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय


हिमाचल प्रदेश और उड़ीसा में इन दिनों स्क्रब टाइफस नामक संक्रमण ने कहर बरपा रखा है। सिर्फ हिमाचल में ही इस बीमारी (Scrub Typhus in Himachal) से संक्रमित 973 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां यह संक्रमण मुख्य रूप से शिमला और सोलन जिले में फैला हुआ है। वहीं उड़ीसा में भी स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus in Odisha) के हर दिन नए मरीज सामने आ रहे हैं। यहां भी इसके कारण 5 लोग जान गंवा चुके हैं। स्क्रब टाइफस एक तरह की संक्रामक बीमारी  है, जो घुन या छोटे कीड़े-मकोड़ों और जीवों पर चिपके बैक्टीरिया के कारण फैलती है। इस बीमारी के मुख्य लक्षण बुखार, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द आदि हैं। आइए विस्तार में देखते हैं स्क्रब टाइफस क्या है, कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है। स्क्रब टाइफस के बारे में समझने के लिए ओनलीमायहेल्थ ने दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के डॉ सुरंजीत चटर्जी से भी बात की है।

क्या है स्क्रब टाइफस? (What is Scrub Typhus in Hindi)

what is scrub typhus in hindi

स्क्रब टाइफस एक प्रकार का जीवाणुजनित संक्रमण है। ये संक्रमण ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी (Orientia Tsutsugamushi) नामक बैक्टीरिया के कारण फैलता है। ये बैक्टीरिया पिस्सुओं, जुंए, छोटे कीड़े-मकोड़ों, चूहों आदि के जरिए इंसानों में फैल सकते हैं। इस संक्रमण के लक्षण डेंगू-चिकनगुनिया से मिलते जुलते हैं। गंभीर स्थिति में इस बीमारी के कारण शरीर के अंग काम करना बंद कर सकते हैं, यानी मरीज को ऑर्गन फेल्योर हो सकता है। यही कारण है कि ये बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है।

स्क्रब टाइफस का इतिहास (History of Scrub Typhus Infection)

History of scrub Typhus

स्क्रब टाइफस का इतिहास बहुत पुराना है। यह बीमारी सबसे पहले 313 ईस्वी में चीन में देखी गई थी। इसके बाद 610 ईसवी और 1596 ईस्वी में भी स्क्रब टाइफस का उल्लेख चीन के इतिहास में मिलता है। समय तक ये बीमारी सिर्फ चीन में ही देखी जाती रही। फिर बहुत सालों बाद 1810 ईसवी में पहली बार ये बीमारी चीन से बाहर जापान में रिपोर्ट की गई थी। इसके बाद में 19वें दशक के शुरुआती सालों तक ये बीमारी कई देशों में फैल गई, जिनमें भारत के साथ-साथ इंडोनेशिया, फिलीपींस, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम और मलेशिया शामिल थे। भारत में स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus in India) का पहला मामला 1932 में सामने आया था। बहुत पुरानी बीमारी होने के कारण इसे अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता रहा है।

कैसे फैलती है स्क्रब टाइफस बीमारी? (How Does Scrub Typhus Infection Spread)

how scrub typhus spreads

स्क्रब टाइफस संक्रमित छोटे कीड़े-मकोड़ों जैसे- पिस्सू, घुन, जूं आदि के काटने से फैल सकता है। ये कीड़े घने जंगलों, झाड़ियों वाली जगहों पर ज्यादा पाए जाते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि ये कीड़े चूहे या अन्य छोटे जीवों के शरीर पर लिपटकर इंसानों की बस्ती तक पहुंच जाते हैं और इंफेक्शन का कारण बनते हैं। बारिश के मौसम में खेत-झाड़ियों के आसपास ये बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिस कारण ये बीमारी इसी मौसम में ज्यादा देखने को मिलती है। 

स्क्रब टाइफस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Scrub Typhus Infection)

scrub typhus symptoms in hindi

सामान्य लक्षण

  • तेज बुखार 
  • ठंड लगना और कंपकंपी
  • मांसपेशियों में तेज दर्द
  • पूरे शरीर में दर्द
  • सिरदर्द
  • रैशेज या पैचेज

गंभीर लक्षण

  • भ्रम और कोमा की स्थिति
  • इंटरनल ब्लीडिंग (अंदरूनी रक्तस्राव) 
  • शरीर के अंगों (हार्ट, किडनी, लिवर आदि) का फेल हो जाना (ऑर्गन फेलियर)
  • मानसिक स्थिति का ठीक न होना
  • बढ़े हुए लिम्फ नोड्स

स्क्रब टाइफस की जांच कैसे की जाती है? (Diagnosis of Scrub Typhus)

स्क्रब टाइफस के लक्षण डेंगू, मलेरिया, लेप्टोस्पायरोसिस, टाइफाइड आदि जैसे इंफेक्शन्स से मिलते-जुलते हैं। इसलिए बिना लैब टेस्ट के इस संक्रमण की पुष्टि कर पाना मुश्किल है। आमतौर पर इसके संक्रमण की जांच के लिए मरीज के खून का सैंपल लिया जाता है और कुछ लैब टेस्ट्स के जरिए संक्रमण के सही कारण का पता लगाया जाता है। फिलहाल इसके लिए एंटीजेन, एलिसा (ELISA) और पीसीआर (PCR) टेस्ट्स उपलब्ध हैं।

स्क्रब टाइफस का इलाज क्या है? (Treatment of Scrub Typhus)

स्क्रब टाइफस का पता चलने पर मरीज के लक्षणों के आधार पर उसका इलाज किया जाता है। आमतौर पर इस संक्रमण के इलाज में एंटीबायोटिक्स की मदद ली जाती है। CDC के अनुसार स्क्रब टाइफस के लक्षणों के शुरू होते ही अगर मरीज को एंटीबायोटिक्स दे दी जाएं, तो मरीज को जल्द ठीक किया जा सकता है। 

स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए क्या करें? (Prevention Tips for Scrub Typhus in Hindi)

scrub typhus prevention in hindi

स्क्रब टाइफस को रोकने के लिए कोई वैक्सीन या दवा नहीं है इसलिए इसके संक्रमण से बचाव करना ही इससे सुरक्षित रहने का उपाय है। बचाव के लिए आप निम्न उपाय अपना सकते हैं।

  • झाड़ी या घास-फूस वाले इलाकों से दूर रहें क्योंकि यहां ऐसी कीड़े या जीव हो सकते हैं, जो स्क्रब टाइफस का इंफेक्शन फैलाएं।
  • रात में खुली जगह पर न सोएं।
  • अपने घर और काम की जगह के आसपास सफाई रखें व गंदगी न जमा होने दें।
  • घर में कहीं पर भी कीड़े दिखें, तो कीटनाशकों का प्रयोग कर इन्हें खत्म करें।
  • संक्रमित मरीज से दूरी बनाएं।
  • खेतों और बगीचों में काम करते समय कीड़े-मकोड़ों के काटने पर तुरंत साबुन से धोकर अच्छी तरह त्वचा की सफाई करें।
  • किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलकर संक्रमण की जांच कराएं।

स्क्रब टाइफस गंभीर संक्रमण है इसलिए इससे बचाव बहुत जरूरी है। अगर आप ऐसे इलाके में रह रहे हैं, जहां इसके संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, तो आपको ऊपर बताई गई सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। अगर आपको ये लेख पसंद आया, तो इसे अन्य लोगों के साथ शेयर करें।

Images & Infographics: Khushi Goel

Source: CDC, National Institute of Health

Inputs: Dr. Surajit Chatterjee, internal Medicine, Apollo Hospital, Delhi

 

 

 

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