वैज्ञानिकों ने खोजा नई तरह का एंटीबायोटिक

नया एंटीबायोटिक कम्‍पाउन्‍ड मानव स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पहुंचाने वाली दवाईयों के प्रतिरोधक के रूप में काम करेगा।
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वैज्ञानिकों ने खोजा नई तरह का एंटीबायोटिक


एंटीबायोटिक की खोज करता वैज्ञानिक

अमरीकी वैज्ञानिकों ने कैलिफोर्निया के समुद्र तट के निचले भाग में मिले माइक्रोऑर्गैज्म से एक नया एंटीबायोटिक कम्‍पाउन्ड प्राप्त किया है। विशेषज्ञों के अनुसार अभी तक जानकारी से दूर रहा यह एंटीबायोटिक सबसे अलग है। यह मानव स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पहुंचाने वाली दवाईयों के प्रतिरोधक के रूप में काम कर सकता है।

 

वैज्ञानिकों के अनुसार एंथ्रासिमाइसीन नामक यह नया कम्‍पाउन्ड एमआरएसए और एंथ्रैक्स जैसी बीमारियों के इलाज में मददगार हो सकता है। एमआरएसए एक तरह का बैक्टीरिया है जो संक्रमण वाली कई प्रकार की बीमारियों के लिए जिम्‍मेदार होता है। खोज से संबंधित विस्तृत विवरण जर्मन शोधपत्र एंगेवैंड्ट केमी में प्रकाशित हुआ है।

 

इस कम्‍पाउन्‍ड को जिस स्ट्रेप्टोमाइसेस बैक्टीरिया से निकाला गया है उसे क्रिस्टोफर कॉफमैन ने प्रशांत महासागर की तलहटी से प्राप्‍त किया था। इस कम्‍पाउन्‍ड की विशिष्‍ट रासायनिक संरचना नई तरह की एंटीबायोटिक दवाइयों के विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक थॉमस फ्रीडेन ने हाल ही में एंटीबायोटिक का असर कम करने वाले बैक्टीरिया के बढ़ते खतरे से आगाह किया था।

 

लॉरेन पॉल और विलियम फेनीकल इस खोज को करने वाली टीम का हिस्सा थे। इनफेक्शस डिजीज सोसाइटी ऑफ अमरीका ने चिंता जताते हुए कहा है कि एंटीबायोटिक के प्रभाव को कम करने वाले बैक्टीरिया की रोकथाम पर पर्याप्‍त ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में यह नई खोज एक बड़ी खुशखबरी है।

 

शोधपत्र का प्रकाशन करने वाले कियांग ह्वा जैंग और उनके साथियों ने एंथ्रासिमाइसीन की संरचना का विवरण देते हुए कहा है कि इसकी संरचना पहले से ज्ञात किसी भी प्राकृतिक एंटीबायोटिक की संरचना से पूरी तरह अलग है।

 

इस खोज से इस बात की संभावना बढ़ी है कि समुद्र में अभी भी ऐसे बहुत से पदार्थ और यौगिक हैं जिनका व्यापक उपयोग हो सकता है।



 

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