
अमीर घरों के बच्चे भले ही अपनी पसंद से जीवन जीते हैं लेकिन वे अपने माता-पिता के साथ कम समय बीता पाते हैं जिससे वे उपेक्षित महसूस करते हैं।
ब्रिटिश कोलंबिया की यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान के शोधकर्ताओं ने अपने नये अध्ययन में यह खुलासा किया है कि वित्तीय संकट से जूझ रहे माता-पिता के लिये जिंदगी आसान नहीं रहती लेकिन अमीर माता-पिता के लिये भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है। अमीर अभिभावक धन कमाने में इतने वयस्त होते हैं कि वे बच्चों को ही समय नहीं दे पाते हैं जिसकी वजह से वे उपेक्षित महसूस करते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक धन और बच्चों को पालना दो अलग-अलग बाते हैं, लेकिन बहुत से लोग इन्हें एक साथ जोड़कर देखते हैं और मानते हैं कि अगर उनके पास ज्यादा धन होगा तो वे अपने बच्चों की परवरिश बेहतर कर पाएंगे।
शोध रिपोर्ट से इसी सोच का गलत ठहराया गया है और बताया गया है कि अमीरी किसी को अच्छा माता-पिता नहीं बना सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक धनी माता-पिता अपने काम, संपत्ति और सामाजिक स्थिति को बनाने में इतने वयस्त हो जाते हैं कि वे अपने बच्चों के पालन-पोषण को ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं समझते।
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