दिल और दिमाग के बीच संबंध

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक दिल को स्वस्थ रखकर और नियमित व्यायाम से याददाश्त संबंधी समस्या को जल्द आने से रोका जा सकता है
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दिल और दिमाग के बीच संबंध


क्या आप डिमेंशिया से बचना चाहते हैं? इसके लिए आपको अपने दिल को स्वस्थ रखना होगा। फ्रांस में सेंटर फॉर रिसर्च इन इपीडेमियोलॉजी एंड पोपुलेशन हेल्थ में भारतीय मूल की शोधकर्ता अर्चना सिंह ने पाया कि स्वस्थ हृदय डिमेंशिया को दूर रखने की एक प्रमुख कुंजी है।

 

बड़े पैमाने पर माना जाता है कि मस्तिष्क की याददाश्त, तर्क-विर्तक और समझबूझ की शक्ति कम से कम 60 साल की उम्र तक कम होना शुरू नहीं होती। बहरहाल शोधकर्ताओं का दावा है कि डिमेंशिया लोगों को समय से पहले अपना शिकार बना सकता है। यहां तक कि डॉक्टरों की मान्यता से 15 वर्ष पहले, 45 साल के व्यक्तियों में भी इसके लक्षण दिखना शुरू हो सकते हैं।

 

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक बहरहाल पोषक पदार्थ खाकर दिल को स्वस्थ रखकर और नियमित व्यायाम से याददाश्त संबंधी समस्या को जल्द आने से रोका जा सकता है जो डिमेंशिया को कुछ हद तक दूर रखने में मददगार साबित हो सकता है। डिमेंशिया का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। शोधकर्ताओं का कहना है, ‘सर्वसम्मति से यह मान्यता उभरकर सामने आ रही है कि ‘जो हमारे हृदय के लिए अच्छा है वह मस्तिष्क के लिए भी अच्छा है।’ अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 45 से 70 आयुवर्ग के 7000 से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों का अध्ययन किया।


पोषक पदार्थ खाकर व दिल को स्वस्थ रखकर और नियमित व्यायाम से याददाश्त संबंधी समस्या को जल्द आने से रोका जा सकता है।

 

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