वाशिंगटन। वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में पता लगाया है कि मोटी महिलाओं को अल्जाइर जैसे रोग का अधिक खतरा सताता है क्योंकि चर्बी में पाया जाने वाला एक हार्मोन अंतत: महिलाओं में अल्जाइमर या दूसरी तरह के डिमेंशिया का कारण बन सकता है। बोस्टन विविद्यालय के थामस वान हिमबर्गन ने अपने इस नए शोध में औसतन 76 वर्ष की उम्र वाली 541 महिलाओं का 13 वर्षो तक भिन्न-भिन्न अंतराल पर अध्ययन करने पर पाया कि पेट में जमा होने वाली चर्बी से बनने वाला एडिपोनेस्टिन नामक हार्मोन शरीर को प्राकृतिक इंसुलिन के प्रति असंवेदनशील बना देता है हालांकि ग्लूकोस जैसे काबरेहाइड्रेट के पाचन में एक अहम भूमिका निभाता है और दर्द निवारक के तौर पर भी काम करता है।
यह हार्मोन केवल महिलाओं में ही अल्जाइमर रोग का कारण बनता है। शोध की 13 वर्षो की अवधिके दौरान 159 मरीजों को डिमेंशिया की शिकायत हो गई और इनमें से 125 में अल्जाइमर देखने में आया। अल्जाइमर डिमेंशिया का ही एक रूप होता है। शोधकर्ताओं ने कहा ‘हमारे आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि एडिपोनेस्टिन का स्तर बढ़ जाने की वजह से महिलाओं में डिमेंशिया या अल्जाइमर के मामले देखने में आते हैं।’
डिमेंशिया के सारे मामलों में सबसे अधिक मामले अल्जाइमर के ही देखने में आते हैं। अल्जाइमर से मौजूदा समय में 2.66 करोड लोग पीड़ित हैं। इस रोग में दिमाग का धीरे-धीरे करके क्षय होता जाता है और लोगों को बोलने-समझने, याद रखने इत्यादि में दिक्कतें अनुभव आने लगती हैं और अंतत: उनकी मृत्यु हो जाती है। कैंसर और एड्स के बाद यह सबसे अधिक जानलेवा रोग माना जाता है।
चर्बी में पाया जाने वाला एक हार्मोन अंतत: महिलाओं में अल्जाइमर या दूसरी तरह के डिमेंशिया का कारण बन सकता है।