अल्जाइमर बुजुर्गों में होने वाली एक आम समस्या है, जिसमें मरीज को मेमोरी से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। इसमें व्यक्ति को सोचने समझने में भी कठिनाई होने लगती है। अल्जाइमर एसोसिएशन की मानें तो अल्जाइमर 60 से 80 प्रतिशत डिमेंशिया का भी कारण बनता है। खान-पान को बेहतर रखकर आप इसके खतरे को कम कर सकते हैं। आइये जानते हैं अल्जाइमर के खतरे को कम करने के लिए खान-पान कैसा होना चाहिए?
क्या कहती है स्टडी?
हाल ही में जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज (Journal of Alzheimer's Disease) में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक खान-पान को बेहतर और हेल्दी रखकर अल्जाइमर के खतरे को कम किया जा सकता है। स्टडी के शोधकर्ताओं की मानें तो वेस्टर्न डाइट की तुलना में जापान, चीन और भारत में खाई जाने वाली प्लांट बेस्ड मेडिटेरियन डाइट अल्जाइमर के खतरे को कम करने में ज्यादा मददगार साबित हो सकती है। ऐसे में अनहेल्दी चीजें खाने से अल्जाइमर और डिमेंशिया का जोखिम और बढ़ सकता है।
अल्जाइमर के खतरे को कम करने के लिए क्या खाएं?
- शोधकर्ताओं के मुताबिक अल्जाइमर के खतरे को कम करने के लिए हमेशा हेल्दी डाइट ही फॉलो करनी चाहिए।
- इसके लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड्स, साबूत अनाज, लीगम्स के साथ ही हरी सब्जियों का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
- नट्स खाने से भी अल्जाइमर होने का खतरा कम होता है। इससे मेमोरी पावर बढ़ती है।
- एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके लिए आपको मेडिटेरियन डाइट लेनी चाहिए, जिसमें लीन प्रोटीन, फल और सब्जियों की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए। इसके लिए आप बिना फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स और हाई क्वालिटी प्रोटीन को शामिल कर सकते हैं।
- आप चाहें तो मछली और अंडे के सफेद हिस्से का भी सेवन कर सकते हैं।
अल्जाइमर के खतरे को कम करने के लिए क्या नहीं खाएं?
- अल्जाइमर के खतरे को कम करने के लिए आपको कुछ फूड्स से परहेज करना चाहिए।
- इसके लिए अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें। इससे मोटापा बढ़ता है, जो अल्जाइमर का कारण बन सकता है।
- इसके लिए हाई फ्रक्टोज सिरप वाले आहार, केक, मफिन्स और जंक फूड आदि से परहेज करना चाहिए।