Complications Of Rabbit Fever In Hindi: इन दिनों रैबिट फीवर से लोगों को सावधान रहने की बात कही जा रही है। दरअसल, टुलारेमिया (Tularemia) को रैबिट फीवर के नाम से जाना जाता है। यह बुखार बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है। वैसे तो, इसके होने की संभावना कम होती है। लेकिन, हाल ही में अमेरिका में रैबिट फीवर के मामलों में तेजी देखने को मिली है। यह बुखार जानवर कीड़े के काटने, संक्रमित जानवरों, दूषित पानी या भोजन, और हवा में बैक्टीरिया से हो सकते हैं। टुलारेमिया में व्यक्ति को खांसी, सांस लेने में कठिनाई, गले में खराश और आंखों में जलन समेत कई लक्षण देखने को मिलते हैं। टुलारेमिया के तेजी से बढ़ते मामलों (Tularemia Cases) ने हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है। इस लेख में यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, कौशाम्बी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. छवि गुप्ता से जानते हैं कि रैबिट फीवर से क्या जोखिम हो सकते हैं? साथ ही, जानते हैं कि क्या रैबिट वायरस व्यक्ति के लिए जोखिम भरा हो सकता है? Is rabbit virus harmful to humans?
रैबिट फीवर से होने वाली जटिलताएं - Complications Of Rabbit Fever In Hindi
लिवर में सूजन होना
टुलारेमिया (रैबिट फीवर) के कारण शरीर के मुख्य अंग, जैसे लिवर और स्प्लीन प्रभावित हो सकते हैं। इसकी वजह से व्यक्ति को पेट में दर्द, भूख न लगना और कुछ मामलों में पीलिया हो सकता है। लंबे समय तक इंफेक्शन की वजह से लिवर की कार्य प्रणाली प्रभावित हो सकती है।
लंग्स में इंफेक्शन (निमोनिया)
टुलारेमिया के कारण लंग्स में इंफेक्शन हो सकते हैं। इससे निमोनिया का जोखिम बढ़ जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को तेज बुखार, खांसी, सांस लेने में परेशानी और कुछ लोगों को सीने में दर्द की समस्या हो सकती है। यदि, टुलामेरिया का इलाज समय पर न किया जाए, तो इससे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) रोग हो सकता है।
ब्लड इंफेक्शन (Sepsis)
रैबिट फीवर की वजह से लोगों को ब्लड इंफेक्शन हो सकता है। इसके गंभीर मामले में लोगों सेप्सिस हो सकता है। यह स्थिति तब होती है जब इंफेक्शन ब्लड फ्लो में फैल जाता है। इसमें व्यक्ति के ब्लड सर्कुलेशन में गिरावट, शरीर में दर्द और अंगों में दर्द हो सकता है।
लिम्फ नोड्स में सूजन (Swollen Lymph Nodes)
टुलारेमिया के कारण लिम्फ नोड्स (गांठों) में सूजन हो सकती है। इस समस्या में गर्दन, बगल, जांघों में दर्द हो सकता है। इसमें व्यक्ति को लिम्फ नोड्स के कार्य बाधित हो सकते हैं। गंभीर समस्या में व्यक्ति को सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
ब्रेन से जुड़ी समस्याएं
टुलामेरिया में व्यक्ति को ब्रेन से जुड़ी समस्याओं का भी जोखिम रहता है। इस स्थिति में कुछ लोगों को मेनिंजाइटिस हो सकता है। इसे दिमागी बुखार कहा जाता है, इसमें व्यक्ति को गर्दन में दर्द, उल्टी, दौरे पड़ना और सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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इसके अलावा, रैबिट फीवर में आंखों में लालिमा और जोड़ों अकड़न की समस्या भी हो सकती है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, टुलामेरिया की वैक्सीन लेनी चाहिए। इसके अलावा, जो बच्चों और बुजुर्गों को बाहरी जनवरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। साथ ही, बाहर से आने के बाद हाथ धोने के बाद ही भोजन करें। यदि, किसी व्यक्ति में रैबिट फीवर के लक्षण दिखाई दें तो इसे अनदेखा न करें, ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।