हाल के सालों में तेजी से हो रहे बदलावों के कारण पानी की गुणवत्ता और जल प्रदूषण की समझ का प्रश्न, उसकी आपूर्ति से अधिक महत्वपूर्ण बनता जा रहा है। इसीलिए सभी देश प्रदूषण के परिप्रेक्ष्य में पानी की गुणवत्ता के मानक तय करते हैं, उन पर विद्वानों से बहस कराते हैं और लगातार अनुसंधान कर उन्हें परिमार्जित करते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाला एक ऐसा नया पॉलीमर तैयार किया है, जो कि चंद सेकेंड में ही बहते जल में से प्रदूषकों को खत्म कर सकता है। यह ठीक वैसा ही है, जैसे घर में इस्तेमाल किए जाने वाले एयर फ्रेशनर हवा में दिखाई न पड़ने वाले प्रदूषकों को पकड़ता है और अवांछित गंध को मिटा देता है।
शोधकर्ताओं ने जलशोधन उद्योग में क्रांति ला सकने वाली तकनीक के विकास के लिए साइक्लोडेक्सट्रिन नामक पदार्थ का इस्तेमाल किया है। यह वही पदार्थ है, जो कि एयर फ्रेशनर में इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका की कोर्नेल यूनिवर्सिटी के असोसिएट प्रोफेसर विल डिचेल के नेतृत्व वाले दल ने साइक्लोडेक्सट्रिन का संरंध्र रूप तैयार किया। साइक्लोडेक्सट्रिन के इस रूप ने पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले सक्रिय कार्बन की तुलना में प्रदूषकों के अवशोषण की क्षमता कुछ मामलों में 200 गुना से भी ज्यादा दिखी।
साइक्लोडेक्सटेरिन से बने पुराने पॉलिमरों की तुलना में सक्रिय कार्बनों का सतही क्षेत्रफल तो ज्यादा होता है लेकिन जितनी मजबूती से साइक्लोडेक्सटेरिन प्रदूषकों को बांधकर रख पाता है, उतनी मजबूती सक्रिय कार्बन नहीं दिखा पाते। डिचेल ने कहा, ‘सबसे पहले तो हमने साइक्लोडेक्सटेरिन से बने ज्यादा सतही क्षेत्रफल वाले पदार्थ का निर्माण किया। हमने कुछ लाभ सक्रिय कार्बन के शामिल किए और कुछ निहित लाभ साइक्लोडेक्सटरिन के थे।’ उन्होंने कहा, ‘ये पदार्थ बहते पानी से कुछ ही सेकेंड में प्रदूषकों को मिटा देंगे।’ साइक्लोडेक्सटेरिन वाले पॉलीमर का पुनरूत्पादन आसानी से और सस्ते तरीके से किया जा सकता है। इसका कई बार पुन: इस्तेमाल किया जा सकता है और इसके प्रदर्शन में कोई कमी भी नहीं आती।
Image Source : Getty
Read More Health News in Hindi