भारतीय संस्कृति सभ्यता के अनुसार, महिलाओं के लिए सिंदूर का एक खास महत्व है। महिलाओं में सिंदूर को उनके सुहाग का प्रतीक माना जाता है। चुटकी भर सिंदूर को वैवाहिक जीवन का प्रतीक मानने की परंपरा युगों से चली आ रही है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, सिंदूर को महिला अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए लगाती है। लेकिन, क्या इस सिंदूर की परंपरा से जुड़ा कोई और तथ्य भी हो सकता है? शायद अधिकतर लोगों को इससे जुड़ा कोई अन्य तथ्य नहीं नजर आता हो, लेकिन सिंदूर एक महिला के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। सुनकर हैरानी जरूर होगी लेकिन यह सत्य है कि माथे का एक चुटकी सिंदूर महिला के स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित कर सकता है।
महिलाओं को ऊर्जावान बनाता है चुटकीभर सिंदूर
वैसे तो सिंदूर लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, और भारतीय संस्कृति में लगभग 5,000 से अधिक वर्षों से सुहागिनों को सिंदूर से जोड़ा जाता है। लेकिन क्या सिंदूर लगाना सिर्फ एक परंपरा है या यह एक वैज्ञानिक उद्देश्य भी है? इस सवाल का जवाब यहां है, विद्वानों का कहना है कि सिंदूर का लाल रंग स्त्री या महिलाओं में ऊर्जा का प्रतीक है। यह सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि अच्छे स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने के लिए एक अभ्यास है।
तनाव को कम करता है सिंदूर
कहते हैं, जब एक महिला गृहस्थ जीवन में प्रवेश करती है, तो उसका जीवन बहुत बदल जाता है। अपने खानपान से लेकर स्वास्थ्य के बारे में वह खुद से पहले अपने पति, बच्चों और परिवार के लोगों के बारे में सोचती है। पारिवारिक जिम्मेदारियों से लेकर अन्य चीजों के लेकर होने वाले तनाव को कम करने में चुटकीभर सिंदूर को जोड़ा गया है। क्योंकि सिंदूर हल्दी और चूने से बना है, जो कि महिलाओं में तनाव को कम करने में मदद करता है। इससे आपका दिमाग भी सक्रिय और सतर्क रहता है।
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फायदेमंद होने के साथ नुकसानदेह भी हो सकता है सिंदूर
जिस तरह आजकल हर चीज में मिलावट बढ़ रही है उसी तरह सिंदूर के साथ भी है। परंपरागत रूप से तैयार सिंदूर हल्दी, चूना और अन्य हर्बल सामग्रियों से बना होता था जो वास्तव में स्वास्थ्य के लिए अच्छा था। लेकिन आजकल, इसे रेड लेड और मर्करी के साथ तैयार किया जा रहा है, जो कि शरीर के लिए हानिकारक हैं। इसलिए, यदि आप सिंदूर लगाना पसंद करते हैं या आपकी परंपरा में है, तो सुनिश्चित करें कि आप किस चीज से बने सिंदूर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
स्किन एलर्जी और रैशेज का खतरा
लाल रंग के पाउडर को तैयार करने के लिए जिन रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, वे बालों के झड़ने, त्वचा पर चकत्ते और खुजली पैदा कर सकते हैं। क्योंकि आजकल कई तरह के सिंदूर उपल्बध है, जो मिलावटों से भरे हैं। इसके अलावा, यह ध्यान दें कि आप जिस सिंदूर का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसमें पारा सल्फाइट सामग्री तो नहीं है क्योंकि यह त्वचा कैंसर को पैदा करने के लिए जिम्मेदार हो सकती है।
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सिंदूर में हानिकारक रसायन जैसे पाउडर क्रूड लीड, आर्टिफिशियल डाई, अन्य सिंथेटिक डाई, पारा सल्फाइट और रोडियामाइन बी डाई से रूसी और खुजली हो सकती है। कुछ सिंदूर निर्माता अपने विशिष्ट लाल रंग के लिए लेड ट्राईऑक्साइड का भी उपयोग करते हैं और यह स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
किडनी और दिमाग से भी जुड़ी है सिंदूर
शायद आप नहीं जानते होंगे, लेकिन अगर सिंदूर गलती से मुंह में चला जाए या सांस व हवा के माध्यम से आपके अंदर चला जाए, तो यह फूड पॉइज़निंग का कारण बन सकता है और किडनी और मस्तिष्क दोनों को भी प्रभावित कर सकता है।
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