
आमतौर पर, महिलाएं 40 और 58 की उम्र के बीच मेनोपॉज के फेज में प्रवेश कर जाती हैं। यही समय होता है जब औरतों में पीरियड्स बंद होने लगता है। इस दौरान महिलाएं सिर्फ आंतरिक तौर पर ही परेशान नहीं होते बल्कि शरीरिक और मानसिक तौर पर भी परेशान होते हैं। वहीं मेनोपॉज महिलाओं की त्वचा को भी प्रभावित करता है। मेनोपॉज के बाद, एस्ट्रोजन का उत्पादन कम होने लगता है और इसी एस्ट्रोजन में कमी आने के कारण महिलाओं का त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। कम एस्ट्रोजन के कारण त्वचा का पतला होना, झनझनाहट और झुर्रियां पड़ने लगती हैं। वहीं इस दौरान चेहरे, हाथ, और छाती पर त्वचा नमी, कोलेजन और फैट कमी खो होने लगती है। नतीजतन, चहरे पर झुर्रियों आ सकती है। हालांकि, आप एक स्वस्थ त्वचा देखभाल दिनचर्या का पालन करके उम्र बढ़ने के इन प्रभावों में से कुछ कमी ला सकते हैं। वहीं यहां कुछ टिप्स हैं, जो मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को स्किन की केयर करने में मदद कर सकता है।
अपनी त्वचा को हाइड्रेट रखें और मॉइस्चराइज करते रहें
अपनी त्वचा को नियमित रूप से साफ करना त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी त्वचा सूख जाती है क्योंकि तेल ग्रंथियाँ कम सक्रिय हो जाती हैं। क्लीन्ज़र का चयन करते समय, फोम या जेल क्लीन्ज़र की जगह मॉइस्चराइजर का चयन करें। हमेशा मॉइस्चराइज़र लगा कर रखें। इसके साथ ही हमेशा खुद को हाइड्रेट रखें। इसके लिए ज्यादा पानी पीएं और जूस आदि का सेवन करते रहें।
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ज्यादा धूप में न निकलें
जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, आपकी त्वचा भी सूरज से खुद को बचाने की प्राकृतिक क्षमता खो देती है। तो, आपके लिए 30 या उच्चतर एसपीएफ वाले सनस्क्रीन लोशन का उपयोग करना आवश्यक हो जाता है। बाहर जाने से पहले हर बार इसे लगा लें। वहीं झुर्रियां बहुत अधिक सूरज के संपर्क में होने का परिणा हो सकते हैं। मेनोपॉज के कारण हार्मोनल परिवर्तन भी होते हैं, जो आपके चहरे की चमक भी छिन सकती है। रूखी त्वचा पर झुर्रियाँ अधिक दिखाई देती हैं। हर दिन मॉइस्चराइज़र का उपयोग करने के अलावा, त्वचा देखभाल उत्पादों का इस्तेमाल करके चहरे की लाइनों और सैगिंग को ठीक किया जा सकता है।
डेड स्किन की सफाई करते रहें
हर रोज सनस्क्रीन का उपयोग करने से डेड स्किन को रोकने में मदद मिल सकती है। अगर आप मेनोपॉज के बाद इन सब चीजों को अनुभव करते हैं ,तो एक्सफोलीएटिंग उत्पादों का उपयोग से आपको मदद मिल सकती है। एक्सफोलीएटिंग उत्पाद डेड सेल्स को हटाने में मदद करते हैं, जो सुस्त और परतदार होने से चेहरे को रोकती हैं। त्वचा को चमकाने वाले उत्पादों और टोनर्स का उपयोग भी धब्बों को मिटाने में मदद कर सकता है। वहीं कोलेजन आपकी त्वचा को युवा और चुस्त रखने में मदद करता है। मेनोपॉज में एस्ट्रोजेन का स्तर गिरता है और इससे आपकी त्वचा कोलेजन भी खो देती है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से कोलेजन बढ़ामे में मदद मिल सकती है।
बहुत अधिक तनाव न लें
सिर्फ त्वचा ही नहीं, बहुत अधिक तनाव भी आपके पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर आप तनावग्रस्त हैं, तो आपकी त्वचा रूखी और अधिक संवेदनशील हो सकती है। तनाव से सोरायसिस जैसी त्वचा की स्थिति भी होती है। वहीं व्यायाम और योग इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। व्यायाम करने से रक्त परिसंचरण में सुधार हो सकता है, जो उम्र के साथ धीमा हो जाता है। अगर ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन सही रहे, तो आपकी त्वचा उज्जवल और स्वस्थ दिख सकती है।
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रात को अच्छी नींद लें
ताजा दिखना चाहते हैं तो अच्छे से सोना जरूरी है। हां, नींद आपकी आंखों के नीचे काले घेरे को रोकने में मदद कर सकती है। नींद की कमी आपके हार्मोन के स्तर और चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को प्रभावित कर सकती है और आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है। रात को 7 से 9 घंटे की अच्छी नींद लेना आपकी त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए कोशिश करें कि अच्छी से सोएं और एक हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करें।
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