ई-सिगरेट को बैन करने वाला विधेयक लोकसभा में पेश, पकड़ जाने पर देना होगा 1 लाख का जुर्माना

Electronic Cigarettes: केंद्र सरकार ने आज ई-सिगरेट निषध बिल लोकसभा में पेश कर दिया। डॉक्‍टर हर्षवर्धन लोकसभा में बिल पेश किया।     
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ई-सिगरेट को बैन करने वाला विधेयक लोकसभा में पेश, पकड़ जाने पर देना होगा 1 लाख का जुर्माना


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्‍टर हर्षवर्धन ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (E-Cigarettes) के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर रोक लगाने वाला विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया। उन्होंने कहा, यह ई-सिगरेट के हानिकारक प्रभावों से लोगों को बचाने के लिए किया गया है। ये बिल 18 सितंबर को जारी किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा।

AIR संवाददाता की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने 20 नवंबर को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक आदेश जारी किया, जिसमें प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशकों को पत्र लिखकर इस पर रोग लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने का आदेश दिया था।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, आयात, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी। युवाओं पर ई-सिगरेट के प्रभाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।

पहली बार इस्‍तेमाल करने वालों को एक साल की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है। ई-सिगरेट का भंडारण छह महीने तक की कैद या 50 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों है।

ई-सिगरेट इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम का सबसे आम रूप है।

ये मूल रूप से ऐसे उपकरण हैं जो तंबाकू के पत्तों को जलाते या इस्तेमाल नहीं करते हैं। इसके बजाय, वे बैटरी का उपयोग करके एक सॉल्‍यूशन को वाष्पित करते हैं। यह वाष्प उपयोगकर्ता द्वारा सांस के माध्‍यम से मुंह के अंदर ली जाती है, जिसका असर फेफड़ों पर पड़ता है।

हाल के अध्ययनों से पता चला है कि ई-सिगरेट तंबाकू के लिए एक सुरक्षित विकल्प नहीं है और यह श्वसन संबंधी जटिलताओं और दीर्घकालिक जटिलताओं का कारण बन सकता है।

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