प्रेग्नेंसी के लिए महिलाओं और पुरुषों की प्रजनन क्षमता बेहतर होना बेहद आवश्यक है। महिलाओं में इंफर्टिलिटी दो प्रकार की होती है। इसमें प्राइमरी इंफर्टिलिटी और सेंकेडरी इनफर्टिलिटी में बांटा जाता है। एक वर्ष तक शारीरिक संबंध के बाद भी गर्भधारण न कर पाने के प्राथमिक बांझपन यानी प्राइमरी इंफर्टिलिटी माना जा सकता है। वहीं, एक संतान के बाद दूसरी बार कंसीव करने में परेशानी को सेकेंडरी इंफर्टिलिटी में शामिल किया जाता है। कई प्रयासों के बाद कंसीव न कर पाने के कारण महिला व पुरुष को इमोशनली स्ट्रेस हो सकता है। इस लेख में साईं पॉलीक्लीनिक की स्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि प्राइमरी इंफर्टिलिटी के क्या कारण होते है। साथ ही, प्राइमरी इंफर्टिलिटी से बचाव के उपायों को भी बताया गया है।
प्राइमरी इंफर्टिलिटी के सामान्य कारण - Causes Of Primary Infertility In Hindi
ओव्यूलेटरी डिसऑर्डर
अनियमित ओव्यूलेशन महिलाओं में प्राथमिक बांझपन (प्राइमरी इंफर्टिलिटी) का एक प्रमुख कारण है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), थायरॉयड विकार और हाइपोथैलेमिक डिसफंक्शन जैसी स्थितियां ओव्यूलेशन को प्रभावित कर सकती हैं। इन स्थितियों में हार्मोनल संतुलन बाधित हो सकता है, जिससे प्रजनन क्षमता खराब हो सकती है।
फैलोपियन ट्यूब में समस्याएं
फैलोपियन ट्यूब में होने वाली समस्याएं महिलाओं के एग तक स्पर्म को पहुंचने में बाधा बनते हैं। इससे महिलाओं को कंसीव करने में समस्या हो सकती है। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी), एंडोमेट्रियोसिस और पिछली पेल्विक सर्जरी, फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी इंफर्टिलिटी में मदद कर सकती है।
गर्भाशय संबंधी डिसऑर्डर
गर्भाशय संबंधी डिसऑर्डर, जैसे फाइब्रॉएड, पॉलीप्स, या जन्मजात विकृतियां, इंप्लांटेशन में बाधा डाल सकती हैं। इससे कंसीव करने में मुश्किलें आ सकती है। इससे इंफर्टिलिटी (बांझपन) हो सकती है। इसके अलावा, एशरमैन सिंड्रोम जैसी स्थितियां, गर्भाशय से जुड़ी समस्या आपकी इंफर्टिलिटी का कारण बन सकती है।
पुरुष की इंफर्टिलिटी
कंसीव न कर पाने के मामलों में पुरुष की इंफर्टिलिटी भी कारण बन सकती है। इसमें पुरुषों में शुक्राणु की संख्या में कमी, स्पर्म की गतिशिलता और स्पर्म में असामनाओं को शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा, लाइफस्टाइल, अनुवांशिक कारको की वजह से भी पुरुषों को प्राथमिक इंफर्टिलिटी हो सकती है।
प्राइमरी इंफर्टिलिटी से बचाव के उपाय - Prevention Tips Of Primary Infertility in Hindi
प्राइमरी इंंफर्टिलिटी के मामलों को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल और समय से इलाज करने से फर्टिलिटी से जुड़े जोखिम को कम किया जा सकता है। प्राइमरी इंफर्टिलिटी से बचने के लिए आगे बताए उपायों को अपनाएं।
वजन को नियंत्रित रखें
शरीर का अतिरिक्त वजन पुरुषों और महिलाओं दोनों में हार्मोनल संतुलन को बाधित कर सकते हैं। यह प्रजनन क्षमता को खराब कर सकता है। इसके साथ ही, कम वजन होने से भी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। संतुलित पोषण और रेगूलर एक्सरसाइज से वजन को नियंत्रित और प्रजनन क्षमता को बेहतर करने में मदद मिल सकती है।
पुरानी समस्याओं को करें दूर
डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी स्थितियां प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। मेडिसिन, लाइफस्टाइल में बदलाव और सही इलाज के द्वारा पुरानी समस्याओं को कंट्रोल किया जा सकता है।
शराब व तम्बाकू का सेवन न करें
पुरुषों व महिलाओं के द्वारा तम्बाकू व शराब का सेवन करने से प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। प्रजनन क्षमता को बेहतर करने के लिए आप शराब व तंबाकू से दूरी बनाएं।
सुरक्षित सेक्स करें
क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) से पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज (पीआईडी) हो सकता है, जो ट्यूबल डैमेज और बांझपन का कारण बन सकती है। ऐसे में आप सुरक्षित यौन संबंध बना सकते है। इससे प्रजनन क्षमता खराब नहीं होती है।
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प्रजनन से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसके लिए आप निराश न हो, क्योंकि कंसीव करने के कई अन्य विकल्प भी मौजूद हैं। डॉक्टर समस्या के कारण को समझकर उसका सही इलाज कर सकते हैं। यह एक मुश्किल समय हो सकता है, लोकिन कई बार सप्लीमेंट्स, लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट से प्रजनन क्षमता को ठीक किया जा सकता है।