Prevention Of Blindness Week 2020: 60-70 की उम्र में भी बनी रहेगी आंखों की रौशनी अगर अपनाएंगे ये 5 आदतें

Prevention Of Blindness Week 2020: यहां आंखों की रौशनी को बनाए रखने के लिए 5 टिप्‍स दिए गये हैं। 
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Prevention Of Blindness Week 2020: 60-70 की उम्र में भी बनी रहेगी आंखों की रौशनी अगर अपनाएंगे ये 5 आदतें


आजकल हर दूसरे व्‍यक्ति की आंखों में चश्‍मा लगा है, जो कि उनकी आंखों की रौशनी कमजोर होने की ओर इशारा है। इतना ही नहीं छोटे-छोटे बच्‍चे जिन्‍हें कि लगभग 50 की उम्र तक शायद चश्‍मा पहनने की जरूरत पड़ती, वह अभी से चश्‍मा पहने दिखते हैं। यह काफी सोचने वाला काफी गंभीर विषय हो सकता है। यही वजह है कि हर साल अप्रैल के पहले सप्ताह यानि 1 से 7 अप्रैल को ब्लाइंडनेस वीक के रूप में माया जाता है। जिसमें आंखों की देखभाल और आंखों से जुड़ी बीमारियों से बचाव सहित जांच पर जोर दिया जाता है। यदि आप आपनी आंखों का बेहतर ख्‍याल रखेंगे और नियमित जांच करवाएंगे, तो आपकी आंखों की रौशनी 60-70 साल की उम्र में भी बेहतर रहेगी। 

आंखों के कमजोर होने से रोकथाम का यह सप्‍ताह भारत सरकार द्वारा नेत्रहीनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है। ब्लाइंडनेस वीक 2020 की इस रोकथाम पर, हम आपको अपनी आंखों की देखभाल करने के तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिससे कि आपको लंबे समय तक देखने में परेशानी न हो और आपको चश्‍मा लगाने की जरूरत भी न पड़े। इसी के साथ आपको अन्य आंख की समस्याएं जैसे- मैक्यूलर डिजनरेशन, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद की समस्‍या का सामना न करना पड़े। 

1. स्‍वस्‍थ खानपान

Healthy Diet For Eyes Health

स्‍वस्‍थ खानपान हर मर्ज की दवा है, क्‍योंकि अच्‍छा पौष्टिक खाने से आप स्‍वस्‍थ रहकर लंबे जीवन का सफर तय कर सकते हैं। इसके अलावा, स्वस्थ आंखों के लिए, आपको विटामिन सी, विटामिन ई, ओमेगा -3 फैटी एसिड, ल्यूटिन और जस्ता जैसे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों में पत्तेदार हरी सब्जियां, तैलीय मछली, घी, अंडे, नट्स, बीन्स, दाल, संतरे और अन्य खट्टे फल शामिल हैं। यह एक संतुलित आहार हैं, जो आपको स्‍वस्‍थ रखने में सहायक हैं। 

2. स्‍मोकिंग को कहें बाय 

स्‍मोकिंग यानि धूम्रपाम एक बुरी लत है, जो आपके फेफड़ों से लेकर आंखों की सेहत के लिए कर हानिकारक है। अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान से उम्र से संबंधित मैक्यूलर डिजनरेशन, ड्राई आई, आई सिंड्रोम,  डायबिटिक रेटिनोपैथी और मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता है। जो लोग नियमित रूप से धूम्रपान करते हैं उनमें धूम्रपान न करने वालों की तुलना में उम्र से पहले या उम्र से संबंधित मैक्यूलर डिजनरेशन की अधिक संभावना होती है। 

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3. सूर्य की यूवी किरणों से आखों की रक्षा करें

जब भी आप धूप में हों, अपनी आंखों को सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाने के लिए धूप का चश्मा पहनें। क्‍योंकि यूवी किरणों के अत्यधिक संपर्क से आपको मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन  का खतरा हो सकता है। 

4. लैपटॉप या फोन की स्क्रीन पर जरूरत से ज्‍यादा समय न बिताएं 

Protect Your Eyes

बहुत ज्यादा समय तक लैपटॉप या फोन की स्क्रीन पर टाइम बिताने से आंखों की रौशनी कमजोर हो सकती है। इससे नजर धुंधली, सूखी आंखें, सिरदर्द और कंधे में दर्द सहित कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं हो सकती हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो आंखों की जांच करवाएं। आप जरूरत पड़ने पर एंटी-ग्लेयर स्क्रीन का इस्तेमाल करें। कम से कम दो घंटे में स्क्रीन टाइम से 15 मिनट का ब्रेक लें। 

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5. नियमित रूप आंखों की जांच करवाएं 

Regularly Eyes Checkup

आप खुद व और अपने छोटे बच्चों के आंखों की जांच नियमित रूप से कराएं। यह न केवल यह आपकी आंखों की रक्षा करने में मदद करता है, बल्कि आने वाली समस्‍या से समय रहते निपटने में भी मदद करेगा। क्‍योंकि कई बार नजर कमजोर होने के या ग्लूकोमा जैसी स्थितियों के कोई लक्षण नहीं दिखते। इसलिए लगातार आंखों करवाएं और अपनी आंखों को स्‍वस्‍थ रखने का हर संभव प्रयास करें। 

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