समय से पहले जन्मे शिशुओं को सेरेब्रल पैल्सी और दिमागी चोट से बचाया जा सकता है: वैज्ञानिक शोध

हाल में हुए एक नए अध्‍ययन में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों की एक टीम ने समय से पहले बच्चों को मस्तिष्क की चोटों से बचाने के लिए एक प्रभावी तरीका खोजा है। 
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समय से पहले जन्मे शिशुओं को सेरेब्रल पैल्सी और दिमागी चोट से बचाया जा सकता है: वैज्ञानिक शोध


समय से पहले पैदा हुए बच्चे अक्सर दिमागी चोटों यानि मस्तिष्क की चोटों से पीड़ित होते हैं, जो उनके मस्तिष्क के विकास में बाधा डालते हैं। लगभग 15 मिलियन बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं, जिनमें से 9 मिलियन आजीवन मानसिक समस्‍या या मस्तिष्क क्षति से पीड़ित होते हैं। यह कभी-कभी सेरेब्रल पैल्सी या मिर्गी का कारण बनते हैं। यह एक गंभीर चिंता थी, लेकिन वैज्ञानिकों का दावा है कि इसका हल मिल गया है। वैज्ञानिकों की खोज के अनुसार, एक विशेष प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका एक बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए जिम्मेदार है। जब ये अति सक्रिय हो जाते हैं, तो वे सूजन का कारण बनते हैं, जो बच्‍चे की विकास प्रक्रिया को प्रभावित करता है। अब जब शोधकर्ताओं ने मूल कारण पाया है, तो वे इसके समाधना पर काम कर रहे हैं।

इस अध्‍ययन के सह-लेखक डॉ. बॉबी फ्लेस, आरएमआईटी विश्वविद्यालय, मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया, ने बताया, "हमने वास्तव में प्रतिरक्षा स्विच की पहचान की है, जो विकासशील मस्तिष्क में इन प्रतिरक्षा कोशिकाओं को मस्तिष्क के निर्माण में सहायक होता है और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने की देखभाल करता है।" 

Premature Babies

ये प्रतिरक्षा कोशिकाएं 'माइक्रोग्लिया' होती हैं, जो मस्तिष्क में सूजन के कारण संख्या में गुणा होती हैं। यह प्रसव प्रक्रिया के दौरान मातृ संक्रमण या बैक्‍टीरियल संक्रमण या सेप्सिस के कारण होता है। यह मस्तिष्क के सफेद पदार्थ को परेशान करता है, जो बच्चे के मस्तिष्क में न्यूरॉन कनेक्टिविटी को बाधित करता है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ऐसी स्थिति को रोकने के लिए सही रास्ते पर माइक्रोग्लिया को निर्देशित करना संभव है।

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जर्नल 'ब्रेन' में प्रकाशित शोध के अनुसार, टीम ने यह अध्ययन चूहों के बच्‍चों पर किया, जहां उन्होंने पाया कि मस्तिष्क की चोटें अतिसक्रिय प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कारण होती हैं। एक विशेष सिग्नलिंग मार्ग इन माइक्रोग्लिया की अधिकता का कारण बना। आगे के शोध में, उन्हें इन कोशिकाओं का मुख्य स्विच मिला।

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डॉ. बॉबी फ्लेस ने बताया, "हम यह दिखाने में सक्षम थे कि मानव में भिन्नता का प्राकृतिक सामान्य स्तर वास्तव में मस्तिष्क के विकास पर प्रभाव डालता है, इसलिए [इस पाथवे को लक्षित करना] वास्तव में उन शिशुओं में मस्तिष्क क्षति को रोकने के लिए और विकास के लिए आगे बढ़ने का एक नया तरीका हो सकता है।''

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