Premanand Ji Maharaj Polycystic Kidney Disease: उत्तर प्रदेश के मथुरा के मशहूर प्रेमानंद जी महाराज को भला कौन नहीं जानता है। इन दिनों प्रेमानंद जी महाराज सोशल मीडिया पर भी खूब छाए रहते हैं। प्रेमानंद महाराज के विचारों से लाखों लोग प्रभावित हैं और यही कारण है कि विराट कोहली और अनुष्का शर्मा जैसी हस्तियां भी उनसे मार्गदर्शन लेने जाते हैं। प्रेमानंद जे महाराज के सत्संग में लाखों लोग पहुंचते हैं। प्रेमानंद जी महाराज को देखकर शायद ही किसी को लगता होगा कि उनकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं। सामान्य खानपान और कठिन दिनचर्या अपनाने वाले प्रेमानंद जी महाराज की दोनों किडनियां कई साल पहले ही किडनी से जुड़ी एक गंभीर बीमारी की वजह से काम करना बंद कर चुकी हैं। किडनी की गंभीर बीमारी के कारण महाराज जी की दोनों किडनियां खराब हो गयी हैं। आमतौर पर लोग बिना किडनी के साल भर नहीं जी पाते हैं, वहीं प्रेमानंद जी रोजाना चार घंटे सोने के बाद अपना काम खुद करते हैं और रात 2 बजे से ही वृंदावन की परिक्रमा पर निकल जाते हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज कौन सी बीमारी से पीड़ित हैं और आखिर उनकी किडनियां किस गंभीर बीमारी के चलते फेल हो गयी हैं।
पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं प्रेमानंद जी महाराज- Premanand Ji Maharaj Polycystic Kidney Disease in Hindi
मशहूर गुरु प्रेमानंद जी महाराज पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। इस बीमारी को ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज भी कहा जाता है। यह किडनी की गंभीर बीमारियों में से एक है और इस बीमारी में मरीज की किडनियों में सिस्ट या गांठ बनने लगती है। इसकी वजह से किडनी का साइज भी बढ़ने लगता है। आमतौर पर यह बीमारी 30 साल की उम्र के बाद शुरू होती है। इस बीमारी की वजह से किडनियां डैमेज होने लगती हैं और इसकी वजह से किडनी फेलियर की समस्या होती है। किडनी फेलियर के बाद मरीज को डायलिसिस पर रखा जाता है। प्रेमानंद जी महाराज भी किडनी फेलियर के बाद डायलिसिस पर रहते हैं।
बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि आमतौर पर बीमारी हजारों में किसी एक को होती थी। लेकिन अब खानपान में गड़बड़ी और अनियंत्रित जीवनशैली की वजह से यह बीमारी कई लोगों में देखी जा रही है। इस बीमारी का इलाज भी बहुत कठिन है, जिसकी वजह से ज्यादातर मरीजों को किडनी फेलियर का सामना करना पड़ता है।
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पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के लक्षण- Polycystic Kidney Disease Symptoms in Hindi
ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के मरीजों को पेट में दर्द और ब्लीडिंग समेत कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। किडनी से जुड़ी ज्यादातर बीमारियों में मरीज के स्किन का कलर बदलने लगता है। इसकी वजह से पाचन तंत्र से जुड़ी गंभीर परेशानियां भी होती हैं। इस बीमारी में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
- पेशाब करने में दिक्कत
- हाथ और पैरों में सूजन
- पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं
- खून की कमी
- त्वचा के रंग में बदलाव
- कमजोरी और थकान
पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के कारण- Polycystic Kidney Disease Causes in Hindi
ज्यादातर लोगों में यह बीमारी आनुवांशिक या वंशानुगत स्थितियों के कारण होती है। अगर परिवार में किसी को पहले से किडनी से जुड़ी बीमारी है, तो ऐसे में इस बीमारी का खतरा और बढ़ जाता है। इसके अलावा खानपान में गड़बड़ी, अनियंत्रित जीवनशैली के कारण भी इस गंभीर बीमारी का खतरा बना रहता है। आज के समय में मॉडर्न लाइफस्टाइल नाम पर लोग भागदौड़ भरी जीवनशैली जी रहे हैं। ऐसे लोगों में किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है।
पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से बचाव के टिप्स- Polycystic Kidney Disease Prevention in Hindi
मरीजों में पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के लक्षण दिखने पर डॉक्टर इमेजिंग टेस्ट से इसका पता लगाते हैं। वैसे तो इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं है, इसलिए मरीज की परेशानियों को कम करने के लिए उनका इलाज किया जाता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि समय-समय किडनी की जांच कराने और हेल्दी डाइट व एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाने से इस गंभीर बीमारी का खतरा कम होता है। ऐसे लोग जो पहले से किडनी से जुड़ी बीमारियों के शिकार हैं, उन्हें समय-समय पर दवाओं का सेवन और खानपान का ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा किडनी से जुड़ी बीमारी के लक्षण दिखने पर सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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