गर्भवती महिलाएं सफर पर जाते वक्त इन 5 बातों का रखें खास ख्याल, रहेंगी स्वस्थ

गर्भवती महिलाओं के लिए ट्रेवलिंग टिप्स: गर्भवती महिलाओं के लिए ट्रेवलिंग टिप्स जानें इस लेख में। ट्रेवलिंग एक प्रेगनेंट महिला के डाइट तथा व्यायाम के रुटीन को प्रभावित करती है।
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गर्भवती महिलाएं सफर पर जाते वक्त इन 5 बातों का रखें खास ख्याल, रहेंगी स्वस्थ


यात्रा को लेकर गर्भवती महिलाएं अक्सर दुविधा में रहती हैं। लेकिन, जरा सी सावधानी बरतकर आप प्रेगनेंसी के साथ भी बड़ी आसानी से ट्रेवल कर सकती हैं। मौजूदा वक्त में ऐसी बहुत सी कामकाजी महिलाएं हैं जो प्रेग्नेन्सी के दौरान भी ऑफिस जाती हैं और उनकी डिलीवरी भी सामान्य होती है। लेकिन आपकी प्रेगनेंसी मे कॉम्प्लिकेशन्स हैं तो आपको सफ़र में अपना खास ख्याल रखना होगा। अगर आप प्रेगनेंट हैं और सफ़र करने वाली हैं तो इससे पहले अपने डॉक्ट‍र की इजाज़त ज़रूर ले लें और इन बातों का खास ख्याल रखें। अगर आप इन बातों का ख्याल रखेंगी तो आपकी डिलिवरी भी सामान्य होगी और आप भी स्वस्थ रहेंगी।

ट्रेवलिंग में आने वाली समस्याएं-

हालांकि सफर करने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन ट्रेवलिंग उन महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकती है, जिनकी प्रेगनेंसी हाई रिस्क पर है। ऐसी महिलाओं को ट्रेवलिंग के दौरान काफ़ी समस्यायें हो सकती हैं। जैसे- सफर का लंबा वक्त  , मोड ऑफ ट्रेवल, लंबा सफ़र करना, सफर के दौरान मेडिकल सुविधा ना होना आदि कुछ ऐसे पहलू हैं, जिनसे प्रेगनेंसी पर असर पड़ सकता है।

ट्रेवलिंग एक प्रेगनेंट महिलाके डाइट तथा व्यायाम के रुटीन को प्रभावित करती है। एक गर्भवती महिला को ट्रेवलिंग के दौरान स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक भोजन, रेस्ट, खूब सारे फ्लूइड्स तथा लाइट एक्ससाइज चाहिए, जो आपको ट्रेवलिंग के दौरान भी स्वस्‍थ्‍य रखें।

गर्भवती महिलाओं में सफर के दौरान जी मिचलाना और उल्टी आना आम शिकायत है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन बढ़ जाते हैं जो जी मिचलाने के लक्षणों से लड़ने की शरीर की क्षमता को कम कर देते हैं।

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ट्रेवलिंग के लिए अनुकूल समय-

डॉक्टर प्रेगनेंट महिला को तकरीबन 28 हफ्तों के बाद ट्रेवल करने की अनुमति नहीं देते हैं, वैसे ट्रेवलिंग के लिएचौदह से अठारह हफ्तों के बीच का समय चुनें। क्योंकि उस समय ना तो मिसकेरियेज की संभावना होती है और ना ही अन्य परेशानियां होती हैं।

प्रेगनेंसी की आख़िरी स्टेज मे ट्रेवलिंग मुश्किल हो सकती है, क्योंकि उस दौरान महिलाओं को लंबे समय तक बैठने, विभिन्न पोस्चर्स मे बैठने, मुड़ने आदि मे तकलीफ़ हो सकती है, तो दूसरी ओर ट्रेवल के स्ट्रेस के कारण प्रिमेच्योर जन्म के भी चान्स होते हैं।

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प्रेगनेंसी के दौरान सेफ ट्रेवलिंग के लिए टिप्स-

ट्रेवलिंग का कोई भी प्लान बनाने से पहले यह ज़रूरी है कि एक बार अपने डॉक्टर से इसकी इजाज़त जरूर ले लें। क्योंकि ट्रेवलिंग पर जाने से पहले आपका स्वास्थ्य पूर्ण रूप से सही होना चाहिए।

ट्रेवलिंग के दौरान बैठने की सीट आगे वाली और खिड़की के करीब चुनें। कार से यात्रा कर रही हैं तो सामने वाली सीट पर बैठें जिससे आप सड़क को अच्छी तरह देख सकें।

अगर आप हवाई जहाज से यात्रा कर रही हैं तो यात्रा के दौरान दिए जाने वाले ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर जरूर लें। अगर आप यात्रा शुरू करने के दो-तीन घंटे पहले हल्का नाश्ता कर लें तो आपको भूखे पेट यात्रा करने की तुलना में जी खराब होने की आशंका कम होगी।

यात्रा से पहले कम नमक व कम फैट वाले स्नैक्स लें। नमक मिले पोटैटो चिप्स या कार्न चिप्स अगर न लें तो ही बेहतर होगा। क्योंकि इनसे पेट की गड़बड़ी आशंका बढ़ सकती है।

अधिकतर समय शांत रहें। क्योंकि आप जितनी अशांत रहेंगी, आपके बीमार होने की आशंका उतनी ही अधिक हो जाएगी। खुद को शांत रखने का सबसे कारगर तरीका होता है सांस को नियंत्रित करना। यानी जितनी देर में सांस लें, उतनी ही देर में छोड़ें। इससे शारीरिक या मानसिक तनाव अपने आप घट जाएगा। हृदय गति और ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहेगा।

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