
प्रेग्नेंसी यानी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई ऐसे बदलाव होते हैं, जो उन्हें हैरान परेशान कर सकते हैं। बहुत सी महिलाआं में गर्भावस्था बिना किसी परेशानी के सामान्य तरीके से होती है और कुछ महिलाओं में यह बहुत ही गंभीर बेचैनी होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के हार्मोन्स में काफी बदलाव होते हैं, जिसके कारण उनका शरीर सामान्य दिनों से अलग तरह से फंक्शन और रिएक्ट करता है।
इन्हीं बदलावों के कारण अक्सर लोग कुछ गंभीर स्थितियों को भी सामान्य समझ लेते हैं और नजरअंदाज कर देते हैं, जो बाद में प्रेग्नेंट महिला या उसके होने वाले शिशु के लिए खतरनाक हो सकता है। विशेषज्ञ ऐसी सलाह देते हैं कि कुछ ऐसे लक्षणों को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। आइए हम आपको उसकी जानकारी देते हैं।

गर्भावस्था और समस्याएं
गर्भधारण के बाद तीसरे महीने के दौरान असहनीय सरदर्द, कभी कभी आंखों से साफ ना दिखना, पेट में सूजन और तेज दर्द को बिलकुल भी नजरअंदाज न करें। इस प्रकार के लक्षण किसी खतरनाक स्थिति का संकेत हो सकते हैं। कई बार ये लक्षण ब्लड प्रेशर के बढ़ने से या यूरीन में प्रोटीन की अधिक मात्रा बढ़ने से दिखाई देती है, जिसे तुरंत रोकना जरूरी है। यह लक्षण अकसर प्रेग्नेंसी के 20 वें हफ्ते में होते है। इसलिए अपने डॉक्टर को तुरंत इस बारे में जानकारी दें और जरूरी होने पर अस्पताल पहुंचें।
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बच्चे का मोशन
बच्चे के घूमने की तीव्रता कम हो जाये तो यह इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें। अगर बच्चा गर्भ में अधिक घूम नहीं रहा है तो इसका अर्थ है कि उसे प्लेसेन्टा से पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं मिल रही है। बच्चे के प्रहार को गिनकर भी आप बच्चे की गति का अंदाज़ा लगा सकते हैं लेकिन ऐसी कोई निश्चित गिनती नहीं है कि बच्चे को कितनी बार प्रहार करना चाहिए। मोटे तौर पर आपको सिर्फ बच्चे की गति पर ध्यान देना चाहिए। बच्चे की गति में किसी अजीब परिवर्तन की स्थिति में डाक्टरी सलाह लेना ज़रूरी हो जाता है।
पानी का आना
प्रेग्नेंसी के दौरान कभी-कभी ऐसा भी एहसास होता है जैसे आपके योनि से पेशाब की जगह पानी आ रहा है। आमतौर पर ये यूटेरस में सूजन आने या ब्लैडर में भारीपन के कारण आता है। वास्तव में यह अलग अलग स्थितियों पर निर्भर करता है। कभी-कभी इस पानी के साथ आपको भाप भी नजर आती है। अगर पानी अधिक समय तक निकलता है, तो यह आपके ब्लैडर के फटने का संकेत हो सकता है, इसलिए ऐसी स्थिति में आपको तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।
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उल्टियां और कमज़ोरी
प्रेग्नेंसी के दौरान सुबह के समय उल्टी होना या मितली होना सामान्य है। मगर यदि आपको बहुत ज्यादा उल्टियां हो रही हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। लगातार कई उल्टियों से आपके शरीर में मिनरल्स और पानी की कमी हो सकती है, जो शिशु के लिए खतरनाक स्थिति है। इसलिए लगातार उल्टी होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, जिससे कि मां और होने वाले बच्चे दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहे।
फ्लू के लक्षण
गर्भवती महिलाओं को वायरल फ्लू का खतरा सामान्य लोगों अपेक्षा ज्यादा होता है। इसका कारण यह है कि गर्भावस्थआ में महिलाओं के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कमजोर हो जाती है। ऐसे में फ्लू आपको जल्दी प्रभावित कर सकता है। फ्लू के सामान्य लक्षण हैं - तेज बुखार, डायरिया, गले में दर्द, सर्दी, खांसी और सर्दी, कमज़ोरी, उल्टियां।
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