मां बनने का एहसास बहुत सुखद है मगर प्रेग्नेंसी के 8-9 महीनों में महिलाओं को कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। शिशु शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ पैदा हो, इसके लिए जरूरी है कि गर्भाशय पर किसी तरह का दबाव न आए और जरूरी पौष्टिक तत्व उसे मिलते रहें। प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिला को यात्रा करनी पड़े, तो विशेष सावधानी बरतनी जरूरी है। यात्रा के दौरान लगने वाले झटके, पेट पर दबाव या किसी दुर्घटना की स्थिति में शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। कई बार गर्भपात की भी स्थिति बन जाती है। आइए आपको बताते हैं प्रेग्नेंसी के दौरान ट्रैवेल करते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
छठवें महीने तक कर सकती हैं यात्रा
प्रेग्नेंसी के दौरान यात्रा करना उन महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है, जिन्हें हाई रिस्क प्रेग्नेंसी है या जिन्हें डॉंक्टर ने पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी है। प्रेग्नेंसी का दूसरे ट्राइमेस्टर यानी 3 से 6 महीने के बीच आप जरूरी होने पर सफर कर सकती हैं। सेफ ट्रैवल के साथ ही यह भी आवश्यक है कि आप ऐसी जगहों पर न जाएं, जहां किसी संक्रमित बीमारी का प्रकोप फैला हो।
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सातवें महीने से यात्रा करना सुरक्षित नहीं
डॉक्टर प्रेगनेंट महिला को तकरीबन 28 हफ्तों के बाद ट्रेवल करने की अनुमति नहीं देते हैं, वैसे ट्रेवलिंग के लिए 14 से 18 हफ्तों के बीच का समय चुनें। क्योंकि उस समय ना तो गर्भपात की संभावना होती है और ना ही अन्य परेशानियां होती हैं। इन महीनों में मॉर्निंग सिकनेस, अधिक थकान, सुस्ती जैसी शिकायतें आमतौर पर कम होती हैं।
भारी सामान लेकर यात्रा न करें
गर्भावस्था में औरतों को ना ही भारी सामान अपने साथ लेकर जाना चाहिए और ना ही उठना चाहिए, ख़ासतौर पर अगर आप अकेले सफर कर रही है तो हल्का समान ही साथ लेकर चलें। जैसे हल्के सूटकेस जिसमे पहिए हों या फिर आप किसी कुली को इस काम के लिए तय कर सकती हैं। जितना हो सके अकेले सफर ना करें क्योंकी ट्रेवलिंग के दौरान ऐसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं जिनमें एक दोस्त, परिवार का सदस्य या साथी ही मदद कर सकता है।
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खानपान का ध्यान रखें
गर्भवती महिलाओं में सफर के दौरान जी मिचलाना और उल्टी आना आम शिकायत है। अगर आप हवाई जहाज से यात्रा कर रही हैं तो यात्रा के दौरान दिए जाने वाले ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर जरूर लें। अगर आप यात्रा शुरू करने के दो-तीन घंटे पहले हल्का नाश्ता कर लें तो आपको भूखे पेट यात्रा करने की तुलना में जी खराब होने की आशंका कम होगी। यात्रा से पहले कम नमक व कम फैट वाले स्नैक्स लें। नमक मिले पोटैटो चिप्स या कार्न चिप्स अगर न लें तो ही बेहतर होगा। क्योंकि इनसे पेट की गड़बड़ी आशंका बढ़ सकती है।
सही सीट का चुनाव और कंफर्ट
ऐसी सीट का चुनाव करें जो आराम दायक तो हो ही साथ ही लेग स्पेस भी काफ़ी हो जिसमे आप आराम से खुलकर अपनी स्ट्रेचिंग एक्सार्साइज़ कर सकें और अपने से यात्रियों को बिना डिस्टर्ब करे वॉशरूम आराम से जा सकें, एक ही पोस्चर मे ना बैठी रहें और हो सके तो पोस्चर्स बदलाव करती रहें इससे आपकी बॉडी मे ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रूप से चलता रहेगा। अगर आप ट्रेन से सफर करने का कार्यक्रम बना रही हैं तो कोशिश कीजिए की आप लोअर बर्थ (नीचे वाली) की सीट लें। यात्रा के दौरान फैशन के चक्कर में टाइट कपड़े या फिर हील वाली सैंडल इत्यादि का इस्तेमाल न करें। कार में बहुत ज्यादा सिकुड़ कर न बैठे बल्कि पैर फैलाते हुए ऐसे बैठे जिससे आप आसानी से पैर हिला सकें और ऐंठन या अकड़न होने पर आपको अपना पोस्चर बदलने में दिक्कत न हो।
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