कोविड से रिकवरी के बाद क्यों हो रहा है कुछ लोगों के जोड़ों और पीठ में दर्द?

कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में इन दिनों पीठ दर्द और जोड़ों में दर्द की समस्या देखी जा रही है। डॉक्टर से जानें इसका कारण और बचाव के आसान घरेलू उपाय।
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कोविड से रिकवरी के बाद क्यों हो रहा है कुछ लोगों के जोड़ों और पीठ में दर्द?

जोड़ों, कंधे, पीठ, व गर्दन और घुटने का दर्द (Muscles and Joint Pain) लगभग हर किसी ने झेला होगा। लेकिन जो लोग कोरोना से जंग जीत चुके हैं, उन्हें कोरोना के बाद (Post Covid) में जोड़ों और मांसपेशियों की समस्या को लगातार झेलना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए भी होता है जब हम स्वस्थ्य होते हैं तो नियमित रूप से चलते हैं, जिससे हमारे जोड़ और मांसपेशियां भी सक्रिय रहती हैं । लेकिन कोरोना के बाद हममें से ज्यादातर लोग कम सक्रिय हैं। इसका कारण कई शहरों में लगा लॉकडाउन और शारीरिक कमजोरी भी है। मांसपेशियां कमजोर होने की वजह से शरीर में दर्द की शिकायत कोविड से रिकवरी के कुछ दिन बाद तक बनी रह सकती है। ऐसे कई कोरोना झेल चुके लोग हैं, जो कोविड से ठीक होने के बाद जोड़ों में दर्द (Joint Pain) की समस्या से परेशान हैं। यह दर्द किसी भी वायरल (Viral Infection) या फ्लू इंफेक्शन (Flu Infection) के समय होने वाले दर्द के जैसा ही है। इसके साथ ही उन्हें शरीर के हिस्सों में सुन्नपन और कमजोरी भी महसूस हो रही है।

डॉ विनय भट्ट, जनरल फिजिशियन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल बताते हैं कि कुछ लोगों को कोरोना के बाद (Post Covid) कंधे और हाथ में गम्भीर समस्या का अनुभव हुआ है। ये समस्या उन्हें अस्पताल में रहने के दौरान ही हुई है। इसका एक कारण कुछ लोगों में पहले से ही अर्थराइटिस (Arthritis) की समस्या भी है। जिन लोगों को पहले से गठिया या किसी तरह की हड्डियों की समस्या है तो कोरोना के बाद (Post Covid) यह बढ़ सकती है। आप जैसे-जैसे बेहतर होंगे, आपकी समस्या भी कम होगी। लेकिन फिर भी आपको ये समस्या गम्भीर लगे तो किसी अच्छे डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से जरुर सलाह लें।

अगर है जोड़ों और मांसपेशियों की समस्या- शोध के मुताबिक कोरोना के बाद (Post Covid) किसी भी व्यक्ति के जोड़ों और मांसपेशियों की समस्या में काफी तेजी से सुधार होता है। आप आपने जोड़ों और मांसपेशियों की देखभाल करें, इसकी जिम्मेदारी भी आपकी ही है। कई लोग ऐसे भी हैं, जो कोरोना से जूझते वक्त कंधे और पीठ की समस्या से परेशान थे, और वो अब तक इससे जूझ ही रहे हैं। तो आपको बता दें कोरोना से ठीक होने के बाद भी ये समस्या आ सकती है। जो दवाइयों और देखभाल से ठीक हो सकती है।

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कोरोना के बाद कैसे हो समान्य गतिविधियां

कोरोना से पहले और कोरोना के बाद (Post Covid) की जिंदगी में काफी कुछ बदल जाता है। लेकिन ये बदलाव समान्य हैं। आपको अपनी पहली जैसी गतिविधियों में आने का लक्ष्य निर्धारित करना होगा। आप धीरे-धीरे इस ओर कोशिश करें। क्योंकि जैसे जैसे हमारे जोड़ और मांसपेशियों में गति होगी हमें उतना ही आराम मिलेगा। अगर इस दौरान सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो, आराम करें। लेकिन कोशिश करना कभी ना छोड़ें।

कोरोना के बाद योग कितना सुरक्षित?

कोरोना के बाद (Post Covid) योग या व्यायाम करना तभी तक सुरक्षित है जब तक आपके डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट ने सलाह दी हो। कोविड से ठीक होने में चेस्ट फीजियोथेरेपी फायदेमंद मानी जाती है। योग के बीच अपने शरीर की गतिविधि को संतुलित बनाए रखने की कोशिश करें। आपकी आदत जैसे-जैसे पड़ेगी, वैसे-वैसे आप बेहतर होते जाएंगे। आमतौर पर शारीरिक गतिविधि अच्छी मानी जाती है। लेकिन इससे धीरे-धीरे आगे बढ़ाना चाहिए।

  • स्ट्रेचिंग करते हुए जोड़ों को दिन में कई बार घुमाने की कोशिश करें।
  • हर रोज कम से कम 30 मिनट का योगासन जरुर करें।
  • सीढियां चढ़ें और उतरें।
  • बागवानी जैसी गतिविधियों को अपनाएं।
  • साइकलिंग भी बढ़िया विकल्प है।

पोज में करें सुधार

अगर आप लगातार बैठे रहते हैं, तो ये भी दर्द का बड़ा कारण बन सकता है। इसलिए अपनी स्थिति को बार बार बदलते रहिये। ज्यादा देर बैठकर कोई भी काम न करें। आप चाहें तो थोड़ी देर घूम या टहल भी सकते हैं।

पेन किलर

साधारण दर्द के लिए आप पेन किलर या मसाज क्रीम भी खरीद सकते हैं। लेकिन इससे पहले आप डॉक्टर की सलाह जरुर लें। अगर आप पहले से कोई दवा या टैबलेट ले रहे हैं तो पेन किलर के लिए लिए डॉक्टरी जांच जरूरी है।

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कब पड़ सकती है जीपी सर्जरी की जरूरत?

अगर कोरोना के बाद आपको अपने हाथों, पैरों में तेज दर्द, कमजोरी और सुन्नता महसूस होती है तो आपको डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट की तुरंत मदद की जरूरत होती है। आप ऐसे में अपनी जीपी सर्जरी के लिए भी बात कर सकते हैं। लेकिन जीपी सर्जरी की जरूरी आपको तभी होगी जब आपको इनमें से कोई समस्या हो।

  • जब जोड़ और मांसपेशियों की स्थिति बद से बदतर हो रही हो।
  • थकान और सांस फूलने की समस्या खत्म ना हो रही हो।
  • पैरों में कमजोरी और संतुलन ना बना पाने की समस्या।
  • कोरोना से ठीक होने के करीब तीन महीने बाद भी जोड़ और मांसपेशियों की स्थिति में सुधार न होना।
  • बहुत कम संभावना रहती है कि यदि आपके कमर में दर्द और पैर में भी दर्द है तो वह आपके ब्लैडर और बाउल को प्रभावित करे।

पैरों में लगातार दर्द आपकी पीठ के साथ अंदरूनी हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। इससे आपकौडा इक्विना सिंड्रोम (सीईएस) नाम के सिंड्रोम से ग्रसित हो सकते हैं। अगर आप भी कोरोना के पीड़ित हो चुके हैं, तो लापरवाही बरतने की जगह सजग रहें और समय समय पर डॉक्टरी सलाह भी जरुर लेते रहें।

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