बच्चा जब होमवर्क करें तो इन 3 बातों का रखें ध्यान, हमेशा लगेगा पढ़ने में मन

स्कूल की उम्र में यदि बच्चों को सही तरह से गाइड किया जाए और उन्हें सही गलत का फर्क बताया जाए तो वह जिंदगी भर अपने पैरों पर खड़े होते हैं। आज हम पेरेंट्स के लिए कुछ ऐसी जरूरी चीजें बताएंगे तो बच्चों को होमवर्क कराते वक्त ध्यान रखनी चाहिए।
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बच्चा जब होमवर्क करें तो इन 3 बातों का रखें ध्यान, हमेशा लगेगा पढ़ने में मन


जब माता-पिता बच्चों का होमवर्क कराने में सक्रिय रुचि लेते हैं तब अक्सर स्कूल में बच्चे अधिक सफल होते हैं। बच्चों को स्कूल लाइफ में अनुशासन सिखाना टीचर्स के साथ साथ पेरेंट्स की भी जिम्मेदारी होती है। इस उम्र में यदि बच्चों को सही तरह से गाइड किया जाए और उन्हें सही गलत का फर्क बताया जाए तो वह जिंदगी भर अपने पैरों पर खड़े होते हैं। कुछ पेरेंट्स को लगता है कि अगर बच्चा स्कूल से आने के बाद 2 से 3 घंटे तक एक जगह पर बैठा है तो तभी वह अपना काम ठीक ढंग से कर रहा है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। आज हम पेरेंट्स के लिए कुछ ऐसी जरूरी चीजें बताएंगे तो बच्चों को होमवर्क कराते वक्त ध्यान रखनी चाहिए।

होमवर्क करते वक्त बच्चों पर नजरें रखें

जब भी बच्चा होमवर्क करने बैठे तो हमेशा उस पर नजरें रखें। अक्सर बच्चे होमवर्क और पढ़ने के नाम पर स्टडी टेबल पर बैठ जाते हैं, लेकिन उनका दिमाग खेलकूद या कॉपी के लास्ट में कुछ न कुछ खेलते पर रहता है। जबकि अगर आप बच्चों के पास रहेंगे तो वह ऐसा नहीं करेंगे और न चाहते हुए भी उन्हें पढ़ने में मन लगाना पढ़ेगा। अगर संभव हो तो आप खुद भी कोई किताब लेकर बच्चों के साथ बैठें।

उन्हें खुद करने दें अपना काम

बच्चे दिनभर तो खेलते हैं और शाम के वक्त पेरेंट्स के सामने रोते हैं कि वह उनका प्रोजेक्ट पूरा करने में उनकी मदद करें, नहीं तो स्कूल में उन्हें डांट पड़ेगी। पेरेंट्स भी बच्चों का रोना देख उनकी मदद कर देते हैं, जो आगे चलकर बच्चों की कमजोरी बन जाती है। यही नहीं, कई बार बच्चों का अधिक होमवर्क देखकर पेरेंट्स खुद उनके साथ काम बांटने की बात कहते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो इस आदत को आज से ही बंद कर दें। क्योंकि ये कहीं न कहीं बच्चों को लापरवाह और दूसरों पर निर्भर रहना सिखाता है। बच्चों को अपना काम खुद करने के लिए प्रेरित करें।

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बच्चों के आसपास भी न रहने दें गैजेट्स

बच्चों को गैजेट्स बहुत पसंद होते हैं। इतने पसंद कि वह जहां भी जाते हैं गैजेट्स को अपने साथ ले जाते हैं। यही काम बच्चे पढ़ते वक्त भी करते हैं। बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार का खलल न पड़े इसलिए पेरेंट्स बच्चों को पढ़ाई के लिए अकेले छोड़ देते हैं। जबकि बच्चे बैठकर गैजेट्स का मजा लेते हैं। होमवर्क के दौरान कोशिश करें की बच्चों के पास किसी भी प्रकार के गैजेट्स जैसे कि लैपटॉप, मोबाइल, कैल्कुलेटर वाले वीडियो गेम्स न हों।

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