World First Aid Day 2019: छोटे बच्चे अक्सर खेलते-कूदते हुए चोट-मोच लगाते रहते हैं। बच्चों को आप शरारत से नहीं रोक सकते हैं। आमतौर पर हर बच्चे हर काम को खुद से करके ही सीखते हैं इसलिए अक्सर छोटे बच्चे खुद को जलाते-गिराते रहते हैं, जिससे मां-बाप की परेशानी बढ़ जाती है। कई बार सही समय पर इलाज न मिल पाने के कारण छोटे-छोटे हादसे गंभीर रूप ले लेते हैं। इसलिए आपके घर में एक प्राथमिक उपचार की छोटी-छोटी चीजें (First Aid Kit) जरूर होनी चाहिए। आपके घर में छोटा बच्चा है, जो खूब शरारतें करता है, तो आप भी अपने घर में ये 5 चीजें जरूर रखें, ताकि इमरजेन्सी स्थिति में आप बच्चे का शुरुआती उपचार कर सकें।
प्राथमिक उपचार के लिए जरूरी चीजें (First Aid Essential Things)
घर में प्राथमिक उपचार से जुड़े छोटे-छोटे लेकिन जरूरी सामान होने चाहिए। फर्स्ट एड किट में ये चीजें शामिल हैं- कॉटन की पट्टी, रूई, बैंडेज, कैंची, एंटीसेप्टिक क्रीम, दर्द की दवा, एंटीसेप्टिक लिक्विड आदि। इसके अलावा आपके पास नजदीकी अस्पताल का फोन नंबर, एम्बुलेंस बुलाने का नंबर, घरेलू डॉक्टर का नंबर आदि होना चाहिए, जिससे सही समय पर इलाज की व्यवस्था और जरूरी सलाह ले पाएं।
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वाटरप्रूफ बैंडेज
बच्चे अक्सर गिरते-पड़ते रहते हैं। इसलिए आपके घर में बैंडेज जरूर होना चाहिए। बैंडेज एक पट्टीनुमा चीज होती है, जिसको छोटे मोटे चोट या घाव पर लगाया जाता है, ताकि उसे धूल-मिट्टी और पानी से बचाया जा सके जिससे संक्रमण न फैले। बच्चे खेलते हुए अक्सर गिरते रहते हैं या शरारत करते हुए चोट लगा लेते हैं। ऐसी चोट पर आप तुरंत बैंडेज लगा दें। बच्चों को गीले-सूखे का फर्क नहीं पता होता है, इसलिए संभव हो तो वाटरप्रूफ बैंडेज रखें, ताकि भीगने पर ये निकल न जाए।
घाव सुखाने की दवा
कई बार बच्चे कोई बड़ा घाव लगा लेते हैं, जिससे लगातार खून निकलता रहता है। इस खून को रोकने के लिए चोट पर पट्टी करना जरूरी है। मगर पट्टी से पहले चोट को सुखाने का इंतजाम भी करना चाहिए, ताकि घाव में संक्रमण न फैले और घाव जल्दी सूख जाए। घाव या छोटे-मोटे चोट को सुखाने के लिए बाजार में कई दवाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें आप बहुत थोड़ी मात्रा में इमरजेन्सी स्थिति में इस्तेमाल कर सकते हैं। सिप्लाडीन, बीटाडीन आदि ऐसी ही क्रीम्स हैं, जिन्हें आप चोट या घाव को अच्छी तरह साफ करने के बाद लगाकर तुरंत पट्टी कर सकते हैं।
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एंटीसेप्टिक क्रीम
बच्चे खेल-खेल में या नासमझी के कारण कई बार जल भी जाते हैं। जलने वाली जगह अगर छोटी है, तो सबसे पहले जले हुए अंग को ठंडे पानी में 5 मिनट के लिए डुबाएं इसके बाद रूई या मुलायम साफ कपड़े से पोंछकर इस पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं। अगर जला हुआ हिस्सा काफी बड़ा है, तो सबसे पहले बच्चे जलन वाले हिस्से को ठंडे पानी से धोएं। इसके बाद पूरे हिस्से में एंटीसेप्टिक क्रीम जैसे बोरोप्लस, बरनॉल आदि लगाएं और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
थर्मामीटर
छोटे बच्चों को अक्सर जुकाम-बुखार जैसी समस्याएं होती रहती हैं। बुखार होने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है। कई बार बुखार अंदरूनी होता है, जिसके कारण बच्चा सुस्त और थका हुआ नजर आता है, मगर बाहर से छूने पर इसका पता नहीं चलता है। इसलिए आपके घर में एक थर्मामीटर भी होना चाहिए, जिससे आप खुद बच्चे का बुखार जांच सकें।
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