टेक्नोलॉजी ने लोगों की जिंदगी को जितना आसान बनाया है, इससे उतनी ही नई समस्याएं भी पैदा हो रही हैं। उन्हीं में से एक है, टेक्स्ट नेक सिंड्रोम, जिसमें गैजेट्स या मोबाइल के अधिक इस्तेमाल के कारण गर्दन में दर्द की शिकायत होने लगती है। आजकल रोज़मर्रा के छोटे-छोटे कार्यों के लिए लोग गैजेट्स पर निर्भर रहते हैं। इससे हर काम मिनटों में हो जाता है लेकिन समस्या तब आती है, जब लोग अपना अधिकांश समय मोबाइल या लैपटॉप के साथ बिताने लगें। ज़्यादातर उपकरणों का प्रयोग करते वक्त यूज़र को गर्दन झुकाकर काम करना पड़ता है, जिसके कारण उन्हें 'टेक्स्ट नेक सिंड्रोम की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
क्या है टेक्स्ट नेक सिंड्रोम
स्मार्ट उपकरणों ने जितना हमारी जिंदगी को बेहतर बनाया है, उतना ही वे स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन रहे हैं। मोबाइल, टैबलेट या लैपटॉप पर कुछ पढ़ते या काम करते वक्त यूज़र की गर्दन व पीठ अकसर झुके हुए पोस्चर में रहती है, जिससे गर्दन व पीठ के कुछ हिस्सों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और वहां दर्द रहने लगता है। वेंकटेश्वर हॉस्पिटल दिल्ली के ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. आर. के. पांडे के मुताबिक,
'हाल के दिनों में ऐसे मरीज़ों की संख्या बढ़ी है, जो अकसर गर्दन या पीठ में दर्द होने की शिकायत करते हैं। इसकी वजह है, स्मार्ट फोन पर अत्यधिक समय बिताना। इस सिंड्रोम को टेक्स्ट नेक का नाम दिया गया है। टेक्स्ट नेक शब्द की उत्पत्ति यू.एस. किरोपैक्टर डॉ. डीन फिशरमैन ने सन 2008 में की थी, जब उन्होंने अपने एक मरीज़ को झुकी हुई अवस्था में मोबाइल पर काम करते देखा था।
लक्षणों से न हों अनजान
कई बार अपनी गलत आदतों की वजह से हम कुछ ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो जाते हैं, जिनके बारे में कभी सुना तक नहीं होता है। डिजिटल उपकरणों पर काम करते समय आमतौर पर गर्दन नीचे की तरफ और रीढ़ या पीठ आगे की तरफ झुकी होती है। ऐसा माना जाता है कि गर्दन का ज़रा भी झुकना गर्दन और कंधों की मांसपेशियों व लिगामेंट्स पर काफी दबाव डालता है, जिससे कई तरह की समस्याएं होने की आशंका रहती है।
इनमें से कोई भी लक्षण नज़र आए तो सचेत हो जाएं
- उपकरण का इस्तेमाल करते समय पीठ के ऊपरी हिस्से या गर्दन में दर्द होना
- झुकते समय सिर या कंधों में दर्द होना
- हाथ में दर्द या झनझनाहट महसूस होना
बचाव है अहम
- किसी भी डिजिटल उपकरण का लगातार इस्तेमाल न करें। थोड़ी-थोड़ी देर में उससे ब्रेक लेते रहें।
- गैजेट्स को आंखों के लेवल पर रखें व इनका इस्तेमाल करते समय अपने पोस्चर का ध्यान रखें।
- नियमित तौर पर व्यायाम करते रहें, विशेषकर गर्दन से जुड़े व्यायाम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।
- जीवनशैली में कुछ बदलाव कर टेक्स्ट नेक सिंड्रोम से बचा जा सकता है।
- स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें व दिन भर ऑनलाइन गेम्स या सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले बच्चों को इसके खतरों से अवगत करवाएं।
दीपाली पोरवाल
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