Simple Rules for Juicing For Health: शरीर को सेहतमंद बनाए रखने के लिए जूस का सेवन करना बहुत फायदेमंद माना जाता है। सर्दी हो या फिर गर्मी बीमारियों से बचने के लिए लोग कई तरह के फल और सब्जियों के जूस का सेवन करने की सलाह देते हैं। सर्दियों में गर्म तासीर वाले फलों का जूस पीने की सलाह दी जाती है, तो गर्मी में ठंडी तासीर वाले जूस का सेवन करने की। हालांकि जूस का बनाते और इसे पीते वक्त कुछ बातों को नजरअंदाज कर दिया जाए, तो जूस सेहत को फायदा कम और नुकसान ज्यादा पहुंचाते हैं। अगर आप भी घर पर फल और सब्जियों का जूस घर पर बनाते हैं, तो कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते है इसके बारे में।
घर पर जूस बनाते समय इन 3 बातों का रखें ध्यान
आयुर्वेदिक और गट हेल्थ कोच डॉ. डिंपल जडेजा के अनुसार जूस बनाते समय 3 रूल्स को फॉलो करना चाहिए। इन रूल्स को फॉलो करने से न सिर्फ जूस के पोषक तत्व बरकरार रहते हैं, बल्कि यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं।
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जूसिंग का रूल नंबर 1
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे की पालक, केल का जूस कभी न निकालें। डॉ. डिंपल जडेजा के अनुसार पालक और केल का जूस बनाने से इसमें ऑक्सलेट की मात्रा आ जाती है। ऑक्सालेट शरीर में कैल्शियम से जुड़ते हैं और गुर्दे की पथरी को ट्रिगर कर सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि पालर, केल और अन्य साग का सेवन उबालकर या उनका सूप बनाकर करना चाहिए।
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जूसिंग का रूल नंबर 2
डॉ. डिंपल जडेजा के अनुसार ज्यादातर लोग कई तरह के फल और सब्जियों को मिलाकर जूस बनाते हैं। जूस बनाने की यह प्रक्रिया बिल्कुल गलत है। एक्सपर्ट के अनुसार, फलों को पचाने में आपको सिर्फ 1 घंटे का समय लगता है। वहीं, सब्जियों का जूस पचाने में पेट को लगभग 2 घंटों की जरूरत पड़ती है। इसलिए फल और सब्जियों का जूस हमेशा अलग-अलग पीना चाहिए। कई बार इस तरह का जूस पीने से पाचन समस्याएं हो सकती हैं।
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जूसिंग का रूल नंबर 3
एक्सपर्ट के अनुसार कभी भी खाली पेट फल या सब्जी के जूस का सेवन नहीं करना चाहिए। खाली पेट जूस पीने से पाचन तंत्र कमजोर होता है। कई बार इसकी वजह से पेट में दर्द और कब्ज की परेशानी भी हो सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि लोगों को अपने दिन की शुरुआत 1 गिलास गुनगुने पानी से करनी चाहिए। गुनगुने पानी के बाद जूस या किसी भी अन्य तरल पदार्थ का सेवन किया जा सकता है।
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