फॉस्फोरस की कमी क्या होती है? अगर शरीर में फॉस्फोरस की मात्रा 2.5 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम हो तो उसे फॉस्फोरस की कमी के नाम से जाना जाता है। फॉस्फोरस की कमी को मेडिकल भाषा में हाइपोफॉस्फेटेमिया (Hypophosphatemia) के नाम से जानते हैं। अगर फॉस्फोरस की कमी प्रेग्नेंसी के दौरान हो तो स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है क्योंकि इस दौरान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और जरूरी पोषक तत्वों की कमी जिनमें से एक है फॉस्फोरस की कमी जिसके चलते शरीर कमजोर हो सकता है और कई बीमारियां हो सकती हैं। फॉस्फोरस की कमी होने पर शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं, अगर इन लक्षणों की जांच कर समय पर इलाज किया जाए तो समस्या से निपटा जा सकता है। इस लेख में हम प्रेग्नेंसी के दौरान फॉस्फोरस की कमी के लक्षण और कमी दूर करने के उपायों पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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1. प्रेग्नेंसी के दौरान जोड़ों में दर्द (Joint pain during pregnancy)
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान के दौरान जोड़ों में तेज दर्द होता है तो इसका कारण फॉस्फोरस की कमी भी हो सकती है। जोड़ों में दर्द के अलावा आपको मांसपेशियों में ऐंठन भी हो सकती है। फॉस्फोरस की कमी होने पर हाथ व पैरों में सुन्न या कुछ चुभने जैसा अहसास भी हो सकता है।
2. प्रेग्नेंसी के दौरान भूख कम लगना (Loss of appetite during pregnancy)
ऐसा माना जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला को हेल्दी आहार लेना चाहिए तभी होने वाले बच्चे को पोषण मिलेगा और मां की डाइट भी बढ़ जाती है पर फॉस्फोरस की कमी होने के कारण आपको भूख कम लगने की समस्या हो सकती है। ये लक्षण नजर आए तो समझ जाएं की शरीर में फॉस्फोरस की कमी है और फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
3. प्रेग्नेंसी के दौरान थकान होना (Fatigue during pregnancy)
प्रेग्नेंसी के दौरान थकान या फटीग होना कई समस्याओं का एक कॉमन कारण है पर ये फॉस्फोरस की कमी को भी दर्शाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान फॉस्फोरस की कमी होने के कारण आपको थकान का अहसास हो सकता है। थकान के अलावा चक्कर आने जैसी समस्या भी फॉस्फोरस की कमी के कारण हो सकती है।
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4. प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा प्यास लगना (Excessive thirst during pregnancy)
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फॉस्फोरस की कमी होने के कारण आपको प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा प्यास लग सकती है। ये एक लक्षण है जो बताता है कि आपके शरीर में फॉस्फोरस की कमी हो रही है। ज्यादा प्यास लगने के साथ आपको बार-बार पेशाब जाने की समस्या भी हो सकती है, ये भी फॉस्फोरस की कमी का एक लक्षण है।
5. प्रेग्नेंसी के दौरान खून की कमी (Anemia during pregnancy)
अगर आपके शरीर में फॉस्फोरस की कमी है तो आपको प्रेग्नेंसी के दौरान खून की कमी यानी एनीमिया के लक्षण भी नजर आ सकते हैं। एनीमिया के साथ-साथ बार-बार इंफेक्शन होना, कमजोरी होना, चलने में परेशानी होना भी कुछ कॉमन लक्षण हैं। बाल झड़ना, सांस लेने में परेशानी होना या एलर्जी होना भी फॉस्फोरस की कमी के लक्षण हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान फॉस्फोरस की कमी होने से कौनसी परेशानियां होती हैं?
शरीर में फॉस्फोरस की कमी से होने वाले बच्चे का स्वास्थ्य भी जोखिम में आ जाता है। फॉस्फोरस की कमी होने पर हार्ट डिसीज का खतरा बढ़ जाता है वहीं किडनी को स्वस्थ रखने में भी फॉस्फोरस का अहम रोल है। इसका स्तर कम होने पर दांत और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं वहीं गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है अगर पहले से ही शरीर में फॉस्फोरस की कमी होगी तो ज्वॉइंट्स व बोन्स में दर्द होगा।
अगर फॉस्फोरस की कमी होगी तो गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को ज्यादा कमजोरी या थकान का अहसास होगा क्योंकि शरीर में ऊर्जा देने के लिए फॉस्फोरस एक जरूरी मिनरल है। फॉस्फोरस दिमाग के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान फॉस्फोरस की कमी होती है तो होने वाले शिशु का दिमाग उतना तेज नहीं होगा जितना किसी सामान्य शिशु का होता है। हालांकि हर केस में ऐसा हो ये जरूरी नहीं है पर ये भी एक तरह का साइड इफेक्ट है जिससे भ्रूण प्रभावित हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान फॉस्फोरस की कमी से कैसे बचें? (How to prevent phosphorus deficiency during pregnancy)
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हमारे शरीर में मुख्य तौर पर फॉस्फोरस बोन्स, दांत, डीएनए, आरएनए में मौजूद होता है, ये एक तरह का मिनरल है। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में फॉस्फोरस की कमी होने पर कमजोरी हो सकती है क्योंकि फॉस्फोरस शरीर में ऊर्जा बनाए रखने का काम करता है। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में फॉस्फोरस की सही मात्रा न हो तो पोषक तत्वों का नियंत्रण बिगड़ सकता है जिसके चलते एनीमिया, गठिया रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। फॉस्फोरस की कमी से बचने के लिए आप कुछ खास आहार को अपने खाने में शामिल कर सकती हैं जैसे-
- फॉस्फोरस का सेवन करने के लिए आप अपनी डाइट में अंडे को शामिल करें, नाश्ते में आप उबला हुआ अंडा खा सकती हैं।
- दूध, दही और पनीर में भी फॉस्फोरस की अच्छी मात्रा पाई जाती है, उसे भी अपने खाने में शामिल करें।
- आपको होल ग्रेन ब्रेड, साबुत अनाज, आलू, चावल, मसूर की दाल, टमाटर आदि को डाइट शामिल करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाएं मूंगफली, बादाम, सेब, फूलगोभी, ग्रीन टी, राजमा, मटर, तिल को भी अपनी डाइट में एड कर सकती हैं।
- आप गुड़ और तिल के लड्डू भी प्रेग्नेंसी के दौरान खा सकती हैं, इससे खून और फॉस्फोरस की मात्रा दोनों बढ़ेगी।
- आपको फॉस्फोरस को डाइट में एड करना है तो गोभी का सेवन करें, उसमें फॉस्फोरस की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
- अगर आप नॉनवेज खाती हैं तो अपनी डाइट में चिकन और सैल्मन फिश भी एड कर सकती हैं।
- फॉस्फोरस की कमी से बचने के लिए आप ओटमील का सेवन करें, नाश्ते में ओटमील खाना एक हेल्दी विकल्प है।
आपको फॉस्फोरस की कमी के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर से बिना सलाह लिए फॉस्फोरस का सप्लीमेंट अपनी डाइट में एड न करें।
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