प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का शरीर कई तरह के बदलावों से गुजरता है। इस दौरान सेहत और शरीर का सही ढंग से ध्यान न रखने के कारण कई समस्याएं भी हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर को अतिरिक्त पोषक तत्व जैसे विटामिन और खनिजों की आवश्यकता होती है। इसके लिए महिलाओं को डाइट और लाइफस्टाइल दोनों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। सामान्य तौर पर प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के दांतों का रंग सामान्य ही रहता है लेकिन कई बार कुछ कारणों से इसके रंग में बदलाव आ सकता है। कई बार प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में दांतों के रंग में बदलाव (Teeth Discoloration) की समस्या देखने को मिलती है। दांतों का पीला होना इनेमल पर प्रभाव पड़ने के कारण होता है। कई बार प्रेगनेंसी के दौरान स्सप्लिमेंट्स और अन्य दवाओं के सेवन से भी दांतों के रंग में बदलाव देखने को मिल सकता है। आइये विस्तार से जानते हैं इसके कारण और इलाज के बारे में।
प्रेगनेंसी के दौरान क्यों बदल जाता है दांतों का रंग? (What Causes Teeth Discoloration During Pregnancy?)
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इंसान के शरीर में दांतों का भी विशेष काम होता है। भोजन चबाने से लेकर किसी भी चीज का सेवन करने तक सबसे पहले दांतों का ही इस्तेमाल होता है। दांतों के रंग में बदलाव कई कारणों से हो सकता है। कुछ लोगों में दांत के पीले होने की समस्या लापरवाही के कारण भी हो सकती है तो वहीं प्रेगनेंसी के दौरान दांतों में पीलापन आने के कई कारण जिम्मेदार माने जाते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान टीथ डिस्कलरेशन के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।
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1. माउथवॉश के कारण
कई बार यह देखा गया है की कुछ माउथवॉश का इस्तेमाल भी दांतों के लिए हानिकारक साबित होता है। माउथवॉश में पाया जाने वाला कोलोरहेक्सिडिन नामक यौगिक दांतों के रंग में बदलाव यानी पीलेपन के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसलिए हमेशा एक्सपर्ट्स इसकी सलाह देते हैं की ऐसे प्रोडक्ट्स को खरीदने से पहले उनके बारे में अच्छे से जानकारी जरूर करनी चाहिए। कोलोरहेक्सिडिन की मौजूदगी वाले माउथवॉश का इस्तेमाल दांतों के लिए नुकसानदायक होता है।
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2. आयरन सप्लीमेंट्स
गर्भवस्था के दौरान महिलाओं को शरीर की जरूरतों के मुताबिक आयरन सप्लीमेंट्स के सेवन की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिला के लिए आयरन की खुराक लेना आवश्यक है क्योंकि यह बढ़ते भ्रूण के लिए और माँ के शरीर में सामान्य रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। आयरन सप्लीमेंट्स के सेवन की वजह से भी आपके दांतों पर काले धब्बे दिखाई दे सकते हैं। ऐसा होने पर अपने चिकित्सक से इसके बारे में बात जरूर करें।
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3. दांतों पर लगाने वाले केमिकल की वजह से
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को दांतों के संक्रमण से बचने के लिए टेट्रासाइक्लिन आदि के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। इसकी वजह से भी दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचता है और इसकी वजह से भ्रूण पर भी नकारात्मक असर हो सकता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल मुहांसों की समस्या में भी किया जाता है।
प्रेगनेंसी के दौरान दांतों के रंग में बदलाव का इलाज (Teeth Discoloration During Pregnancy Treatment)
गर्भावस्था के दौरान दांतों के रंग में बदलाव ऊपर बताये गए कारकों के अलावा कई अन्य वजहों से भी हो सकते हैं। इस समस्या में आपको चिकित्सक से जरूर संपर्क करना चाहिए। अपने दांतों को खराब करने वाले भोजन और पेय से बचें, धूम्रपान की आदत को छोड़ दें और अपने दांतों को नुकसान से बचने के लिए हर भोजन के बाद अपना मुंह साफ करें। साथ ही कॉफी, चाय पीने और डार्क फ्रूट्स खाने से भी दांतों पर दाग लग सकते हैं। इस तरह के भोजन खाने के बाद, सलाह दी जाती है कि जल्द से जल्द अपने दाँत ब्रश करें। सेब, नाशपाती, अजवाइन और गाजर जैसे फल और सब्जियां खाने से दांतों की सफाई होती है। चीनी रहित गम चबाना एक और तरीका है जिससे गर्भवती महिलाएं अपने दांतों को साफ रख सकती हैं। समस्या गंभीर होने पर चिकित्सक आपका इलाज भी कर सकते हैं।
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