प्रेग्नेंसी एक नाज़ुक दौर होता है जिसमें हल्की सी लापरवाही भी जान पर जोखिम डाल सकती है। आजकल वायु प्रदूषण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। देश की राजधानी समेत अन्य शहरों में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में जिन घरों में गर्भवती स्त्री हैं उनके लिए जहरीली हवा का खतरा ज्यादा है। प्रदूषण में ठोस और तरल रूप में कई विषैले तत्व मौजूद होते हैं जिनसे बीमारियों हो सकती हैं। गर्भस्थ शिशु को मां के शरीर के ज रिए ऑक्सीजन मिलता है पर अगर मां ही प्रदूषण भरे वातावरण में सांस लेगी तो बच्चे को जन्म के समय से ही कार्डियोवस्कुलर रोग, सांस से जुड़ी समस्या व अन्य रोग हो सकते हैं। प्रदूषण के खतरे से बचने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस लेख में हम जानेंगे कि प्रेग्नेंसी के दौरान प्रदूषण के किन खतरों से बचने की ज्यादा जरूरत है और बचाव के लिए किन उपायों को अपनाना चाहिए। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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प्रेग्नेंसी में प्रदूषण के नुकसान (Side effects of pollution during pregnancy)
प्रेग्नेंसी के समय प्रदूषण से शरीर को कई तरह के नुकसान होते हैं-
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- एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर आप प्रदूषित हवा में ज्यादा समय के लिए रहती हैं तो तीसरी तिमाही में गर्भस्थ शिशु को ऑटिज्म होने का खतरा रहता है।
- वहीं अगर गर्भवती स्त्री अस्थमा की मरीज है तो उसे प्रदूषित हवा के कारण हाई बीपी की समस्या हो सकती है जिसके कारण आगे जाकर लिवर और किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है।
- प्रदूषण में ज्यादा समय बिताने से मिसकैरेज की आशंका बढ़ जाती है क्योंकि गर्भस्थ शिशु में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है जिसके कारण बच्चा लो बर्थ रेट, प्रीमैच्योर बर्थ आदि का शिकार हो सकता है।
- वहीं पुरुषों में फर्टिलिटी की समस्या को बढ़ाने के लिए भी प्रदूषण ही जिम्मेदार है इसलिए इससे बचने की जरूरत है।
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रदूषण शारीरिक ही नहीं बल्कि प्रेग्नेंसी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है, ताजी हवा की कमी से तनाव, एंग्जाइटी, स्लीपिंग डिसऑर्डर, डिप्रेशन आदि समस्याएं हो सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी में प्रदूषण से बचने के लिए क्या करें? (How to prevent pollution during pregnancy)
अगर आप प्रदूषित हवा से खुद को और होने वाले शिशु को सुरक्षित रखना चाहती हैं तो इन बातों का ध्यान रखें-
- आप घर में इंडोर प्लांट का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिनसे हवा भी शुद्ध होती है और ग्रीनरी भी बनी रहती है। घर में पौधे रहने से हवा साफ होती है और आपको सांस लेने में परेशानी नहीं होती।
- आप कैमिकल्स को घर के एक कोने में रखें और उसके पास जानें से बचें, इनसे भी हवा प्रदूषित होती है जैसे दिवार का पेंट या हेयर स्प्रे आदि।
- आप हवा को साफ रखने के लिए घर में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, वहीं अगर आपको लगता है कि सांस लेने में कठिनाई हो रही है या घबराहट का अहसास हो रहा है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रेग्नेंसी में लगाएंगी मास्क तो बीमारियों से होगा बचाव (Wearing mask during pregnancy can prevent diseases)
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प्रेग्नेंसी के दौरान आपको मास्क जरूर लगाना चाहिए। मास्क लगाने से आप कोविड 19 के खतरे से तो बचेंगी ही साथ ही आपको प्रदूषण से भी सुरक्षा मिलेगी। जब भी बाहर जाएं मास्क को जरूर लगाएं। किसी अन्य व्यक्ति के खांसते या छींकते समय भी आपको दूरी और सावधानी बरतनी है और मास्क लगाकर रखना है। कई लोगों का मानना है कि सुबह की हवा शुद्ध होती है पर अगर आप गर्भवती हैं और सुबह वॉक के लिए जाती हैं तो भी आपको मास्क जरूर लगाना चाहिए। अगर आपको परेशानी न हो तो डबल मास्किंग सबसे बेहतर विकल्प है जिससे आप प्रदूषण के खतरे से बच सकती हैं, कोशिश करें कि गर्भावस्था में बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें और अपनी आंख, कान और मुंह को कवर करके बाहर जाएं।
घर में मौजूद इलेक्ट्रिक मशीनों से सावधान रहें
अगर आपके घर में गैस हीटर, स्टोव आदि रहते हैं तो उनसे सावधान रहें। इन मशीनों से कॉर्बन मोनोऑक्साइड निकलती है जिससे घर में प्रदूषण फैलता है। आपको समय-समय पर अपने घर में मौजूद मशीनों को चेक करवाते रहना चाहिए और पुरानी हो जाने पर उन्हें बदलना चाहिए। वहीं अगर गर्भवती स्त्री घर में है तो उन्हें बाहर के कमरे में रहने के बजाय घर के अंदर वाले हिस्से में स्थित कमरे में रहना चाहिए ताकि बाहर से आने वाली प्रदूषित हवा का असर सीधे होने वाली मां या बच्चे पर न पड़े। अगर आपको महसूस हो रहा है कि तबीयत में कुछ बदलाव है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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घर में भी छुपा है प्रदूषण, रहें सावधान (Indoor pollution sources)
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अगर आपको लग रहा है कि गर्भवती स्त्री को डिलीवरी होने तक घर में रहना चाहिए तो आपको बता दें कि घर में भी कुछ ऐसे स्रोत हैं जिनसे प्रदूषण फैलता है जैसे-
- अगर घर में गर्भवती महिला है तो अगरबत्ती का इस्तेमाल न करें, कई लोग घर में अगरबत्ती जलाते हैं जिसके धुएं से गर्भवती स्त्री को परेशानी हो सकती है इसलिए अगरबत्ती को अवॉइड करें।
- आज के समय में भी कुछ लोग गैस की जगह लकड़ी से जलने वाले चूल्हे का इस्तेमाल करते हैं, इससे धुंआ ज्यादा भरता है और गर्भवती स्त्री को परेशानी हो सकती है।
- मच्छर को भगाने के लिए आप मॉस्किटो रेपलेंट का इस्तेमाल न करें, इससे सांस लेने वाली हवा प्रदूषित होती है और इसका बुरा असर गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
- अगर आप सर्दियों में कमरे को गरम रखने के लिए लकड़ी जलाते हैं तो इस आदत को भी आपको छोड़ देना चाहिए क्योंकि इससे घर के अंदर हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है और गर्भावस्था के दौरान नुकसानदायक माना जाता है।
गर्भावस्था के दौरान सिगरेट का धुंआ भी गर्भस्थ शिशु और गर्भवती महिला के लिए हानिकारक होता है इसलिए किसी गर्भवती स्त्री के आसपास स्मोकिंग करने से बचें और दूसरों को भी इसकी जानकारी दें।
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