दुनियाभर में उच्च रक्तचाप के अधिकतर रोगियों को अपनी इस समस्या के बारे में पता ही नहीं है। यह जानकारी वैश्िवक स्तर पर हुए एक हालिया शोध के नतीजों के बाद सामने आई है।
मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के पॉपुलेशन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीएचआरआई) और हैमिल्टन हेल्थ साइंसेज के शोधकर्ताओं की अंतरराष्ट्रीय टीम ने इस शोध को पूरा किया। शोध के अनुसार जिन लोगों को अपनी उच्च रक्तचाप की समस्या के बारे में पता है, उनमें से एक तिहाई लोग ही इलाज करवा रहे हैं।
आश्चर्य की बात यह है कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या विकासशील देशों के साथ ही विकसित देशों कनाडा और अमेरिका में भी है। शोध दौरान 35 से 70 साल की उम्र के 1.40 लाख लोगों के रक्तचाप के स्तर की जांच की गई।
जांच के अनुसार तीन में से एक व्यक्ति को हाई ब्लडप्रेशर की समस्या थी। जांच में 58,000 लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या पाई गई। इनमें से महज 46 फीसदी लोगों को ही यह जानकारी थी कि उन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या है। जिन लोगों को इसके बारे में पता था उनमें से 90 फीसदी लोग इसका इलाज करा रहे थे, लेकिन कम ही लोगों का रक्तचाप नियंत्रण में था।
शोध से पता चला कि उच्च रक्तचाप की समस्या उम्रदराज लोगों को, अधिक वजन वालों को, अनियमित जीवनशैली वालों को, शराब का अधिक सेवन करने वालों को, ज्यादा नमक खाने वालों को, पोटाशियम युक्त चीजें न खाने वालों को और पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को होने का ज्यादा खतरा रहता है।
इसके कारण किडनी, रक्त धमनियों, हार्ट, ब्रेन और आंखों को गंभीर क्षति हो सकती है। साथ ही हृदयाघात, पक्षापात, बेचैनी, सिरदर्द, खून का थक्का जमना और दिमाग में रक्तस्राव होना आदि बीमारियों का खतरा बना रहता है।
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