भारत में मूंगफली हर किसी के लिए टाइम पास स्नैक की तरह है, जिसे हर कोई पसंद करता है। लेकिन कुछ लोगों खासकर बच्चों और वयस्कों में इसे खाने के बाद स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ परेशानियां होती हैं। ये परेशानियां बहुत गंभार नहीं होती इसलिए लोग इसे कई बार नजरअंदाज भी कर देते हैं। दरअसल ये मूंगफली से होने वाली एलर्जी के कारण होताी है। मूंगफली से होने वाली एलर्जी को आमतौर पर पीनट एलर्जी (Peanut Allergy) कहा जाता है, जो अन्य एलर्जी के समान लक्षणों वाले होते हैं। पीनट एलर्जी (Peanut Allergy) की वजह से कम उम्र के बच्चों को डायरिया, त्वचा में खुजली, चकत्ते व सूजन हो सकती है। वहीं कुछ मामलों में ये गंभीर रूप भी धारण कर सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं क्या है ये पीनट एलर्जी और इसके कारण और लक्षण।
क्या है पीनट एलर्जी (Peanut Allergy)
जर्नल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च में प्रकाशित एक लेख के अनुसार “एलर्जी का संबंध इंसान के रोगों से लड़ने की क्षमता अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता से होता है। कुछ लोगों में पीनट या मूंगफली से एलर्जी होती है, जबकि असल में उनकी एलर्जी का कारण मूंगफली में पाए जाने वाला प्रोटीन एंटीजेन है। कई लोगों में उनका शरीर इस प्रोटीन को लेकर थोड़ा सेंसिटिव होता है और कई बार यह प्रतिरक्षा तंत्र को जागृत करने का काम करता है। उसके बाद लोगों में एलर्जी के कुछ संकेत दिखाई देने लगते हैं, जैसे कि जीभ में खुजली, मुंह का लाल हो जाना, पूरे शरीर में खुजली और पेट खराब हो जाना इत्यादि। इसके अलावा, अगर आपको एक्जिमा है, तो आपको एलर्जी होने की संभावना भी हो सकती है।
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पीनट एलर्जी के लक्षण क्या हैं?
आपके पास मूंगफली की एलर्जी है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अन्य नट या फलियों के साथ यही समस्या होने की भी संभावना हो। दरअसल मूंगफली भूमिगत बढ़ती है और बादाम, काजू, अखरोट और अन्य पेड़ नट से भिन्न होती है। लेकिन हाल के अध्ययनों में पाया गया कि जिन लोगों को मूंगफली एलर्जी है उनमें से 25% से 40% लोगों को पेड़ के नट से भी एलर्जी है। वहीं इसके कारणों को जानने के लिए एलर्जी होने के प्रोसेस को भी जानना जरूरी है। दरअसल प्रतिरक्षा तंत्र आईजीई एंटीबॉडीज बनाता है। यूं तो कुल 5 प्रकार के एंटीबॉडीज होते हैं, लेकिन आईजीई को एलर्जी के लिए जिम्मेदार माना जाता है। ये आईजीई एंटीबॉडीज मास्ट सेल्स या बासोफिल्स (इम्युन सेल्स) के साथ मिलते हैं और उनको संवेदनशील बना देते हैं। इस प्रकार अगली बार जब वह व्यक्ति मूंगफली खाता है तो मास्ट सेल्स या बासोफिल्स बड़ी मात्रा में उत्तेजक रिलीज करती हैं। जिसके कारण शरीर में विभिन्न प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं।
- -गले में कसाव या अटका हुआ सा महसूस करना
- -सांस की तकलीफ या घरघराहट
- -त्वचा की प्रतिक्रिया जैसे कि पित्ती या रेडनेस
- -मुंह या गले में झुनझुनी या खुजली
- -दस्त, मतली, पेट में ऐंठन या उल्टी
- - बहती हुई नाक
- -खुजली इत्यादि।
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बचाव और इलाज का तरीका
साइंस जर्नल द लानसेट में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चो में ऑरल इम्युनोथेरेपी एक सीमा तक ही असर करती है। वहीं कुछ शोध ये भी बताते हैं कि कैसे इससे बार-बार अटैक करने की आशंका बढ़ जाती है। तो सबसे अच्छा तरीकी ये है सबसे पहले आप अपनी एलर्जी टेस्ट करवाएं और फिर उस चीज से बच कर रहें। अगर आपको मूंगफली इंफेक्शन है तो इससे खाने को बते। वहीं मूंगफली की एलर्जी के लिए डॉक्टर एपिनेफ्रीन से इलाज करने की सलाह देते हैं, जो इसे शांत कर सकता है। वहीं बाजार में कई ऐसे डिवाइसेस उपलब्ध हैं, जिनसे मरीज एपिनेफ्रीन का इंजेक्शन खुद भी लगा सकते हैं। हालांकि इसके बाद भी मरीज को अस्पताल ले जाने की सलाह दी जाती है, ताकि जरूरत पड़ने पर और इलाज किया जा सके।
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