Is Pea Or Whey Protein Better For You: मसल्स बढ़ाने से लेकर सही ग्रोथ तक प्रोटीन हमारे लिए जरूरी माना जाता है। कुछ लोग मसल्स स्ट्रांग करने के लिए जिम जाना पसंद करते हैं। वहीं, कई लोग घर पर ही रेगुलर वर्कआउट और प्रोटीन पाउडर के सेवन से मसल्स बनाते हैं। मसल्स गैन करने के लिए व्हे और पी प्रोटीन दोनों फायदेमंद माने जाते हैं। ऐसे में प्रोटीन पाउडर खरीदते समय काफी कंफ्यूजन हो सकता है कि कौन-सा प्रोटीन पाउडर आपके लिए बेहतर है? इस बारे में जानने के लिए हमने बात की इंटीग्रेटिव न्यूट्रिशनिस्ट एंड गट हेल्थ कोच शीतल बंसल से, जिसे हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएगें।
व्हे प्रोटीन और पी प्रोटीन दोनों में से क्या ज्यादा बेहतर है- Pea Protein Or Whey Protein Which is Better
एक्सपर्ट की बताई इन टिप्स के जरिए आप अपने लिए सही प्रोटीन चुन सकते हैं।
दोनों के सोर्स में अंतर
व्हे प्रोटीन को पनीर बनाने की प्रक्रिया से तैयार किया जाता है। पनीर बनाते वक्त दूध से जो पानी बच जाता है, उसे व्हे प्रोटीन की तरह इस्तेमाल किया जाता है। पी प्रोटीन शुद्ध रूप से मटर के दानों को पीसकर तैयार किया जाता है। इन दोनों प्रोटीन का सेवन दूध के साथ किया जाता है।
अमीनो एसिड की मात्रा
व्हे प्रोटीन में सभी प्रकार से अमीनो एसिड पाए गए हैं। इसमें ल्यूसीन जैसे ब्रांच्ड-चेन अमीनो एसिड (बीसीएए) की मात्रा ज्यादा पायी जाती है, जो मसल्स की ग्रोथ के लिए जरूरी है। वहीं पी प्रोटीन में भी सभी एसेंशियल अमीनो एसिड पाए जाते हैं। लेकिन व्हे प्रोटीन की तुलना में इसमें मेथिओनिन अमीनो एसिड की मात्रा थोड़ी कम होती है। इसके बावजूद इसे बीसीएए का एक अच्छा स्रोत माना जाता है।
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पाचन के अनुसार चुनें विकल्प
व्हे प्रोटीन पाचन के लिए ज्यादा बेहतर माना जाता है। यह तेजी से पचने के साथ शरीर में जल्दी एनर्जी बनाता है। इसका सेवन पोस्ट वर्कआउट के बाद ज्यादा बेहतर माना जाता है। वहीं पी प्रोटीन भी पाचन के लिए फायदेमंद है, लेकिन कुछ मामलों में इसके सेवन से व्यक्ति को ब्लोटिंग की समस्या हो जाती है।
इनटॉलेरेंस में न करें नजरअंदाज
व्हे प्रोटीन
व्हे प्रोटीन एक एनिमल बेस्ड प्रोटीन है इसलिए इसके सेवन से कुछ लोगों में हार्मोन इंबैलेंस हो सकता है। व्हे प्रोटीन में लैक्टोज की मात्रा भी अधिक पाई जाती है इसलिए जिन लोगों को लैक्टोज इनटॉलेरेंस की समस्या रहती है, उन्हें इसके सेवन से परहेज करने की आवश्यकता हो सकती है।
पी प्रोटीन
जिन लोगों लैक्टोज इनटॉलेरेंस की समस्या रहती है या डेरी प्रोडक्ट्स से एलर्जी है, उनके लिए यह अच्छा ऑपशन हो सकता है। जिन लोगों को मटर के सेवन से एलर्जी है, उन्हें इससे परहेज रखने की जरूरत हो सकती है। लेकिन प्लांट बेस्ड प्रोटीन के रूप में यह एक अच्छा विकल्प है।
स्वाद में काफी अंतर
यह व्हे प्रोटीन पूर्ण रूप से पनीर के बचे पानी से तैयार किया जाता है, इसलिए इसका स्वाद दूध जैसा हो सकता है। वहीं पी प्रोटीन का स्वाद मिट्टी या बीन जैसा होता है। जो लोग वीगन डाइट फॉलो करते हैं (एनिमल प्रोडक्ट का सेवन न करना) उनके लिए पी प्रोटीन लेना ज्यादा फायदेमंद है। वहीं जो लोग दूध से बने प्रोडक्ट ले सकते हैं उनके लिए व्हे प्रोटीन भी अच्छा ऑपशन है।
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मसल्स ग्रोथ के लिए
एक्सपर्ट के मुताबिक सेहत के नजरिए स् दोनों ही बेहतर हैं। लेकिन व्हे प्रोटीन में ल्यूसीन अमिनो एसिड ज्यादा पाया जाता है, जिससे इसका सेवन कुछ लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
एक्सपर्ट शीतल के मुताबिक व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार ही अपना प्रोटीन सप्लिमेंट चुनना चाहिए। इसके साथ ही फूड एलर्जी और इन इनटॉलेरेंस का ध्यान रखते हुए ही किसी भी चीज को चुनें।